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गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों के कमेंट्री की आवाज़ हुई खामोश, नहीं रहे ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत

लगभग 50 सालों से भी ज्यादा समय तक गणतंत्र दिवस पर सेना के कार्यक्रमों की आवाज़ बनने वाले ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत का देहांत

आकाशवाणी पर “फ़ौजी भाइयों का कार्यक्रम” की एंकरिंग के लिए भी चुने गए थे ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत (Brig. Chitranjan Sawant)

भारत में हर शख्स गणतंत्र दिवस की परेड एवं अन्य कार्यक्रमों की कमेंट्री के तौर पर सुनाई देने वाली आवाज़ से वाकिफ है लेकिन अब शायद देश इस आवाज़ को दुबारा कभी नहीं सुन सकेगा। ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत (Brig Chitranjan Sawant) का 9 अप्रैल के दिन निधन हो गया। उनकी मौत की पुष्टि brig sawant के पुत्र और इंडिया टूडे के मैनेजिंग एडिटर एवं एंकर गौरव सी सावंत ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर की है।

पूरा देश ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत की मृत्यु से हुआ स्तब्ध

ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत 2

देश भर में लोग अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये brig sawant को श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी कर रहे हैं। कई राजनीतिक हस्तियों, सेना के अधिकारीयों एवं अन्य लोगों ने अपने X अकाउंट पर ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत को और उनकी मशहूऱ आवाज़ को याद करते हुए लिखा कि, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर गणतंत्र दिवस का आँखों देखा हाल बताने वाली आवाज़ अब खामोश हो गयी है लेकिन देश और सेना के लिए दिया गया उनका योगदान हमेशा इतिहास के पन्नों में अमर रहेगा। “

30 सालों तक की थल सेना में सेवा, हिंदी और अंग्रेजी के थे ख़ास जानकार

लगभग 50 सालों से भी ज्यादा समय तक गणतंत्र दिवस पर सेना के कार्यक्रमों की आवाज़ बनने वाले और उनका संचालन करने वाले Brig Chitranjan Sawant ने थल सेना में रहते हुए विशिष्ट सेवा मैडल भी प्राप्त किया था। उनका जन्म 2 जून 1934 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुआ और वे शुरू से ही वर्दी वाला जीवन जीने के लिए उत्सुक रहते थे। उन्होंने 1950 में इलाहबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक और एमए किया और 1959 में सशस्त्र बल में शामिल होकर दो साल तक यहां एक प्रोफेसर के तौर पर काम किया।
वे बताते थे कि उन्होंने कॉलेज में पढ़ते हुए ही सेना के लिए आवेदन किया और फिर पांच दिन तक चलने वाली एक कड़ी परीक्षा के बाद उनका चयन हो गया। वर्ष 1990 में वे थल सेना से रिटायर हुए।

ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत का दोनों भाषाओं में ज्ञान होने के चलते हुआ चयन

ब्रिगेडियर चितरंजन सावंत

गणतंत्र दिवस की परेड हो या फ़ौजी भाइयों का कार्यक्रम, दोनों ही स्थानों पर अपनी आवाज़ के जरिये बेहतेरीन काम करने वाले Brig Chitranjan Sawant कहते थे कि उन्हें दोनों भाषाओं ने तुलनात्मक अंतर पता रहता था। इसी के चलते 1972 में उनके एक सीनियर ने उनकी आवाज़ फ़ौजी भाइयों के कार्यक्रम की एंकरिंग के लिए भेजी और आकाशवाणी में उनका चयन हो गया।

  • नाम – चितरंजन सावंत
  • जन्म – 2 जून,1934
  • जन्मस्थान – अयोध्या
  • मृत्यु – 9 अप्रैल 2024
  • पेशा – सेना में ब्रिगेडियर एवं गणतंत्र दिवस व अन्य कार्यक्रमों में एंकरिंग
  • पुत्र – गौरव सी सावंत (इंडिया टूडे में एंकर)

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