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काशी विश्वनाथ मंदिर की आय में 42 फीसदी की वृद्धि

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर दुनिया भर के श्रद्धालुओं के बीच प्रसिद्ध रहा है। प्रतिवर्ष लाखों करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। जब से काशी विश्वनाथ मंदिर का अनावरण हुआ है उसके बाद से यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है। जाहिर सी बात है श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होने से मंदिर की आय में भी वृद्धि देखने को मिली है।

काशी विश्वनाथ मंदिर के निर्माण कार्य के पूरा होने के बाद से ही आए दिन मंदिर में कुछ ना कुछ नए रिकॉर्ड बनते आ रहे हैं। अब मंदिर की आय ने भी एक नया रिकॉर्ड दर्ज किया है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस मंदिर की आय में 42 फ़ीसदी से भी अधिक की वृद्धि देखने को मिली है।

बढ़ी काशी विश्वनाथ मंदिर की आय

काशी विश्वनाथ मंदिर 1

काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा के मुताबिक इस वर्ष मंदिर की आय पिछले वर्ष की तुलना में 42 फ़ीसदी अधिक हुई है। कार्यपालक अधिकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में मंदिर की आय और व्यय दोनों में ही इजाफा देखने को मिला है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बार काशी विश्वनाथ मंदिर की कुल आय 83.34 करोड़ रुपए रही जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 42% से भी अधिक है। वही इस मंदिर का कुल व्यय लगभग 25.32 करोड़ रुपए का रहा, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में लगभग 41% अधिक है।

किन कार्यों में खर्च होती है काशी विश्वनाथ मंदिर की राशि

काशी विश्वनाथ मंदिर

काशी विश्वनाथ धाम में कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की गई है, जिसका संचालन करने के लिए मंदिर की राशि व्यय होती है। इन कल्याणकारी योजनाओं में संस्कृत विद्यार्थियों को पुस्तक, वाद्य यंत्र एवं वस्त्र मुहैया कराना, निःशक्त जनों को अन्न सेवा प्रदान करना, ठंडी के मौसम में जरूरतमंदों को कंबल एवं वस्त्र प्रदान करना, समय-समय पर वैश्विक समस्याओं के निवारण के लिए सेमिनार का आयोजन किया जाना एवं यात्रियों को भोजन सुविधा प्रदान करना इत्यादि शामिल है।

वाराणसी पर्यटन पर भी काशी विश्वनाथ मंदिर का असर

काशी विश्वनाथ मंदिर 2

विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित है। मंदिर के बदले हुए रूप का असर वाराणसी के पर्यटन पर भी देखने को मिलाहै। दूर-दूर से लोग मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं, जिसका होटल, रेस्टोरेंट ट्रैवल इंडस्ट्री व वस्त्र उद्योग के साथ-साथ गंगा तट पर नौका विहार के उद्योग में असर देखने को मिला है।

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