दुनिया की 11 प्रतिशत आबादी का खात्मा किया था चंगेज खान ने। आगे इस पोस्ट में पढ़ें चंगेज खान की मृत्यु व जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें –
इतिहास में कई खूंखार हत्यारे हुए थे, जिन्होंने बड़ी बेरहमी से मासूम लोगों को मौत के घाट उतारा था। उनमें से एक नाम चंगेज खान का भी था। चंगेज खान का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है। उसकी हत्याओं के किस्से आज भी लोगों के दिल में खौफ पैदा कर देते हैं। ऐसा बताया जाता है कि उसने अपने वक्त में दुनिया की 11 प्रतिशत आबादी का खात्मा कर दिया था।
वो इतना निर्दयी था, कि उसके सामने बच्चा हो या औरत, वो किसी को भी नहीं बख्स्ता था। यही कारण था कि उसे यूरोप में शैतान और चीन में जंगली के नाम से बुलाया जाता था। पूरी दुनिया चंगेज खान के नाम से थर- थर कांपा करती थी। आज भी दुनिया के लगभग डेढ़ करोड़ लोगों में उसका डीएनए मिलता है। चंगेज खान मंगोलिया का शासक था और इसने मंगोलिया शासन को काफी ताकतवर बनाया। दुनिया भर में इसने मंगोलिया साम्राज्य को फैलाया और इसे बहुत व्यापक बनाया।
चंगेज खान, मंगोलिया का बहुत ही प्रमुख शासक था। वो भले ही क्रूर और निर्दयी शासक था, लेकिन बात अगर वीरता की होती है, तो इतिहास में शायद ही कोई ऐसा योद्धा हुआ होगा, जिसकी वीरता चंगेज खान के आगे टिक सके। आज भी वीर योद्धाओं में सबसे पहले नाम चंगेज खान का ही लिया जाता है। अपने मंगोल साम्राज्य का विस्तार करने के लिए उसने प्रशांत महासागर से लेकर कैस्पियन सागर तक सभी क्षेत्रों पर अपना कब्ज़ा जमाया था।
चंगेज खान ने उत्तरी चीन, मंगोलिया, जापान सागर, यूरोप और मध्य एशिया तक अपने नाम का परचम लहराया था। चंगेज खान का आतंक पूरी दुनिया में बहुत फैल चुका था और मंगोलिया शासन भी अपने व्यापक रूप में आ चुका था। इसके बाद अचानक अगस्त 1227 में मंगोलिया शासक चंगेज खान की मृत्यु हो गयी। किसी को इस बात का पता नहीं चला कि आखिर चंगेज खान की मृत्यु हुई कैसे। तब से लेकर आज तक चंगेज खान की मृत्यु दुनिया के लिए एक रहस्य बनी हुई है। इसकी मृत्यु को लेकर कोई भी सटीक जानकारी अभी तक नहीं है, लेकिन कुछ कुछ जानकारियां हैं, जिसके बारे में आगे इस आर्टिकल में आप सब जानेंगे।
चंगेज खान का जीवन परिचय
चंगेज खान का जन्म 1162 में बोर्जिगन कबीले के टेमुजिन में हुआ था। उस समय ये चंगेज खान के नाम से जाना भी नहीं जाता था। तब इसे तिमुचिन के नाम से जाना जाता था। तिमुचीन मंगोलिया में पैदा हुआ था। जब ये पैदा हुआ था, उस समय मंगोलिया में कोई भी एक साम्राज्य नहीं था। उस समय बहुत से छोटे- छोटे साम्राज्य मंगोलिया में कब्ज़ा जमाए हुए थे। ये छोटे- बड़े साम्राज्य हमेशा आपस में लड़ा करते थे। इसी आपसी लड़ाई को और साम्राज्य को व्यापक रुप प्रदान करने की चक्कर में तिमुचिन के पिता की हत्या कर दी गई थी।
पिता की हत्या के बाद, परिवार की ज़िम्मेदारी किसको मिले, ये एक बड़ा सवाल हो गया था, क्यूंकि उस समय परिवार में तिमुचिन का एक सौतेला भाई भी था। पिता की मौत के बाद, दोनों भाई आपस में ही भिड़ गए। एक दिन तिमुचिन का भाई एक मछली लेकर भागने लगा, तो तिमुचिन को गुस्सा आ गया, तिमुचिन गुस्से में इतने आग में हो उठा कि उसने अपने भाई की पीठ पर तीर से वार कर दिया। भाइयों के बीच हुई इस टकराहट में तिमुचिन ने अपने सौतेले भाई को मौत के घाट उतार दिया था।
12वीं सेंचुरी में पैदा हुए तिमुचिन, जब पैदा हुआ था तो उसके हाथों में एक मांस का लोथड़ा था। इसका मतलब होता है कि आगे चलकर ये बच्चा दुनिया पर राज करेगा और हुआ भी कुछ ऐसा ही। तिमुचिन ने दुनियां को अपने कब्जे में लेने के लिए, अलग- अलग कबीले को मिलाना शुरू कर दिया। इसकेे लिए तिमुचिन को काफी मेहनत करनी पड़ी थी, क्योंकि कोई भी उसकी बात मानने के लिए तैयार न था और सारे कबीले आपस में ही भिड़ने लगते थे।
फिर 1206 में ये तय हुआ कि सभी कबीले साथ आएंगे और एक साथ मिलकर अपने साम्राज्य को बढ़ाएंगे। कबीले के सरदार के रूप में तिमुचिन को नियुक्त किया गया। इसी के बाद से तिमुचिन को नया नाम दिया गया और उसे चंगेज खान के नाम से जाना जाने लगा।
12वीं सेंचुरी में इसका आतंक बहुत बढ़ गया था। ये और इसकी सेना जहां भी जाती थी, वहां की तबाही निश्चित रहती थी। किसी भी नए शहर में घुसते ही, चंगेज खान की सेना चोरी, लूटपाट और बलात्कार करना शुरू कर देती थी। चंगेज खान की खास बात ये थी कि जब भी ये किसी शहर को तबाह करके वापस जाता था, तो ये उस शहर में इंसानों की खोपड़ियों का ढेर लगा कर जाता था। इससे ये अपनी ताकत लोगों को दिखाता था। इसका आतंक इतना ज्यादा फैल चुका था, कि पूरी दुनिया में लोग इसका खौफ खाते थे। लेकिन फिर अचानक इसकी एक दिन मृत्यु हो गई, जिससे हर कोई हैरान था। क्योंकि किसी को ये समझ नहीं आ रहा था कि चंगेज खान को हुआ क्या था। इतने शक्तिशाली योद्धा को मारना किसी के बस की बात नहीं थी, तो आखिर इसकी मौत हुई कैसे थी।
चंगेज खान की मृत्यु
चंगेज खान का उस समय इतना ज्यादा खौफ था कि उसका नाम सुनते ही लोग सहम जाया करते थे। ऐसे में इसका मरना आसान नहीं था। किसी के पास इतनी शक्ति न थी कि कोई इसको मौत के घाट उतार सके। न ही इसको कोई भी गंभीर बीमारी थी। फिर अचानक जब चंगेज खान की मृत्यु हुई तो इसकी मौत दुनिया के लिए एक रहस्य बन गई थी।
इसके परिवार और इसके गुलामों ने इसकी मौत का जिक्र तक न किया और इसको रहस्यों से भरा हुआ रखा। चंगेज खान की मृत्यु को लेकर अलग- अलग लोग अलग- अलग तर्क देते हैं। किसी का कहना है कि चंगेज खान की मृत्यु चीन के पश्चिमी शिया के साथ युद्ध के दौरान हुई थी तो किसी का कहना है कि इसकी मौत एक राजकुमारी की वजह से हुई थी।
दरअसल ऐसा कहा जाता है कि उत्तर पश्चिम चीन में एक टिबेटो- बर्मन जनजाति तांगुट थी। इस जनजाति की एक राजकुमारी चंगेज खान के पास थी। एक दिन राजकुमारी ने चंगेज खान के सीने में चुपके से छुरा घोंप दिया था। सीने में छुरा लगने के बाद वो खुद को संभाल न पाया। उसके शरीर से ढेर सारा खून निकल गया था और फिर शरीर से अधिक खून बह जाने की वजह से वो जीवित न रह सका और उसने उसी समय अपना दम तोड़ दिया था।
इसके अलावा कुछ लोग ये भी कहते हैं कि चंगेज खान एक युद्ध के दौरान घोड़े से गिर गया था और उसके शरीर में एक संक्रमित तीर घुसा हुआ था, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई थी। चंगेज खान की मृत्यु को लेकर किस बात में कितनी सच्चाई है, ये आज भी एक रहस्य ही बना हुआ है।
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