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1, 2 , 3, 5, 7 मुखी व असली गौरी शंकर रुद्राक्ष की पहचान |

लोग व्यापार के चक्कर में नकली रुद्राक्ष को भी असली बताकर बेचने लगे हैं। ऐसे में असली रुद्राक्ष की पहचान न होने पर ठगे जाने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। आगे इस पोस्ट में पढ़ें असली रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें?

रुद्राक्ष एक प्रकार का बीज है। ये बीज ब्लूबेरी बीड्स नामक फल के अंदर पाया जाता है। रुद्राक्ष के पेड़ नेपाल, भारत, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण पूर्वी एशिया, हिमालय तथा गंगा के मैदानो में पाए जाते हैं। इसके पेड़ का नाम ‘इलियोकार्पस गेनिट्रस’ है। 50 फीट से लेकर 200 फीट ऊंचे इस पेड़ पर सफेद रंग का फूल लगता है, और बड़े-बड़े बेर के आकार का फल लगता है, जिसके अंदर रुद्राक्ष का बीज पाया जाता है। दुनिया में रुद्राक्ष के कई प्रकार मौजूद है। रुद्राक्ष के बनावट के आधार पर इसे एक मुखी से लेकर 21 मुखी के वर्ग में बांटा गया है।

हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना गया है, इसे भगवान शंकर का वरदान माना गया है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है इसलिए इसे भगवान शिव के समान ही पवित्र मानकर इसकी पूजा की जाती है। हिंदू धर्म के साथ बौद्ध धर्म में भी रुद्राक्ष की माला जपने के लिए प्रयोग की जाती है। इसके साथ ही रुद्राक्ष को पहनने के भी बहुत सारे फायदे बताए गए हैं।

प्राचीन काल में रुद्राक्ष को सिर्फ ऋषि और मुनि ही धारण किया करते थे, परंतु जैसे-जैसे इससे जुड़े फायदे के बारे में पता चला इसे पहनने का प्रचलन बढ़ गया। मार्केट में रुद्राक्ष की बढ़ती हुई डिमांड को देखते हुए, अब रुद्राक्ष को बेचना भी एक बिजनेस बन गया है। लेकिन यह आवश्यक नहीं की मार्केट में मिलने वाले रुद्राक्ष असली ही हो, क्योंकि लोग व्यापार के चक्कर में नकली रुद्राक्ष को भी असली बताकर बेचने लगे हैं। ऐसे में असली रुद्राक्ष की पहचान न होने पर ठगे जाने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर असली रुद्राक्ष की पहचान क्या है ? असली और नकली रुद्राक्ष में भेद कैसे किया जाए ?

असली रुद्राक्ष की पहचान

असली रुद्राक्ष की पहचान

ये जरूरी नहीं है की मार्केट में मिलने वाले सभी रुद्राक्ष असली ही हो। आजकल बाजार में प्लास्टिक और लकड़ी से बने हुए नकली रुद्राक्ष भी बिक रहे हैं, जो देखने में बिल्कुल ही असली रुद्राक्ष की तरह ही दिखाई देते हैं। परंतु नकली रुद्राक्ष को पहनने का कोई फायदा नहीं होता है, ये मात्र एक गहने की तरह होता है। आपने जो रुद्राक्ष लिया है, वो असली है या नकली इसकी पहचान घर में ही कुछ आसान तरीके से की जा सकती हैं। असली रुद्राक्ष की पहचान के कुछ आसान से उपाय बताए गए हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं –

  • असली रुद्राक्ष की पहचान का सबसे आसान तरीका है कि इसे पानी में डालकर उबाल दे। यदि रुद्राक्ष को पानी में उबालने पर इसका रंग ज्यों का त्यों बना रहता है, तो ये असली रुद्राक्ष है, पानी में उबलने पर यदि रुद्राक्ष का रंग बदल जाए तो समझ जाना चाहिए कि यह रुद्राक्ष नकली है।
  • यह भी बताया गया है कि असली रुद्राक्ष पानी में डूब जाता है, जबकि नकली रुद्राक्ष पानी में तैरता रहता है। परंतु रुद्राक्ष की पहचान का यह तरीका विश्वसनीय नहीं है। क्योंकि कई जगह पर इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि यदि रुद्राक्ष पानी में डूब जाए या तैरता रहे तो ये रुद्राक्ष के असली या नकली होने पर निर्भर नहीं करता बल्कि ये रुद्राक्ष के कच्चे अथवा पके होने पर भी निर्भर करता है।
  • असली रुद्राक्ष की पहचान उसे सरसों के तेल में डुबोकर भी की जा सकती है। सरसों के तेल में डुबोने पर यदि रुद्राक्ष अपना रंग छोड़ने लगे तो यह नकली रुद्राक्ष है, जबकि असली रुद्राक्ष तेल में डुबाने के बाद भी ज्यों का त्यों बना रहता है।
  • रुद्राक्ष के छेद में यदि एक तरफ से सुई डालकर, दूसरी तरफ निकाला जाए तो साथ में फाइबर भी निकलने लगे, तो ऐसा रुद्राक्ष असली माना जाता है।
  • बताया जाता है कि रुद्राक्ष का आकार कभी भी एक समान या समतल नहीं होता है। इसके इसको छूने पर ये खुरदुरा सा प्रतीत होता है, जबकि नकली रुद्राक्ष समतल भी हो सकता है।
  • असली रुद्राक्ष की पहचान का सबसे विश्वसनीय और वैज्ञानिक तरीका है कि इसे स्कैन कर के देखा जाए।
  • असली रुद्राक्ष का वजन उसके अपने आकार की तुलना में अपेक्षाकृत भारी होता है।

नोट: यह सलाह दी जाती है की रुद्राक्ष को हमेशा किसी विश्वसनीय दुकान अथवा स्थान से ही खरीदे। असली रुद्राक्ष को हमेशा सरकार द्वारा प्रमाणिक विक्रेता से ही खरीदे।

एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान

एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान

एक मुखी रुद्राक्ष देखने में आधे चंद्रमा अथवा काजू के जैसा दिखाई देता है। इस पर एक धारी बनी होती है। बाजार में असली एक मुखी रुद्राक्ष के साथ-साथ, नकली रुद्राक्ष को भी असली बताकर बेचा जा रहा है। असली एक मुखी रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को पानी में डालकर उबालें। यदि रुद्राक्ष पानी में रंग छोड़ने लगे तो यह नकली रुद्राक्ष है। जबकि असली रुद्राक्ष उबलते पानी में अपना रंग नहीं छोड़ता है। इसके साथ ही सरसों के तेल में रुद्राक्ष को डालने पर यदि रुद्राक्ष का रंग और भी अधिक गहरा दिखाई देने लगे तो समझ जाना चाहिए कि ये एक मुखी रुद्राक्ष असली है।

दो मुखी रुद्राक्ष की पहचान

2 मुखी रुद्राक्ष की पहचान

दो मुखी रुद्राक्ष जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है, इस रुद्राक्ष पर दो धारियां बनी होती हैं। दो मुखी रुद्राक्ष की सबसे अच्छी वैरायटी नेपाल और इंडोनेशिया में उगती है।

तीन मुखी रुद्राक्ष की पहचान

3 मुखी रुद्राक्ष की पहचान

नाम के अनुसार ही तीन मुखी रुद्राक्ष के ऊपर तीन धारियां होती हैं। इन 3 धारियों को ही इसका 3 मुख माना जाता है। असली तीन मुखी रुद्राक्ष की पहचान इस पानी में उबालकर या तेल में डुबोकर की जा सकती है। पानी में उबलने पर या तेल में डुबोने पर यदि इसका रंग बरकरार रहता है, तो रुद्राक्ष असली है और रुद्राक्ष के नकली होने पर इसके रंग में अंतर आ जाएगा।

5 मुखी रुद्राक्ष की पहचान

5 मुखी रुद्राक्ष की पहचान

यदि रुद्राक्ष पर एक छिद्र से दूसरे छिद्र तक बिना किसी रूकावट के 5 रेखाएं मौजूद हो, तो यह पांच मुखी रुद्राक्ष होता है। पांच मुखी रुद्राक्ष को यदि खोलते हुए पानी में डालकर उबाला जाए तो रुद्राक्ष में किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिलता है। परंतु यदि रुद्राक्ष में कोई भी परिवर्तन दिखाई पड़े, तो समझ जाना चाहिए कि रुद्राक्ष नकली है। इसके साथ ही रुद्राक्ष को यदि कड़ी धूप में रखा जाए तब भी इसमें कोई भी अंतर देखने को नहीं मिलता है, जबकि कृत्रिम रुद्राक्ष को धूप में अधिक समय के लिए रखने पर इसका रंग धीरे-धीरे फीका पड़ने लगता है।

7 मुखी रुद्राक्ष की पहचान

7 मुखी रुद्राक्ष की पहचान

प्राकृतिक रूप से सात मुखी रुद्राक्ष की सतह पर 7 धारियां होती है। मार्केट में नकली सात मुखी रुद्राक्ष भी मौजूद है ऐसे में रुद्राक्ष को हमेशा ही लैब सर्टिफिकेट के साथ खरीदना उचित होता है। असली रुद्राक्ष व नकली रुद्राक्ष में रूप- रंग का अंतर तो होता ही है। इसके साथ ही जहां असली रुद्राक्ष ऊर्जा से भरपूर होती है और इसके पहनने के कई फायदे होते हैं, वही नकली रुद्राक्ष मात्र एक गहना होता है।

असली सात मुखी रुद्राक्ष की पहचान के लिए इस पानी में उबले या तेल में डूबो कर रखे। यदि ऐसा करने पर रुद्राक्ष में कोई अंतर देखने को नहीं मिलता तो यह असली रुद्राक्ष है।

गौरी शंकर रुद्राक्ष की पहचान

गौरी शंकर रुद्राक्ष की पहचान

गौरी शंकर रुद्राक्ष, रुद्राक्ष की अति दुर्लभ प्रजाति है, जो बहुत मुश्किल से देखने को मिलती है। प्राकृतिक रूप से जब दो रुद्राक्ष आपस में जुड़े होते हैं तो रुद्राक्ष के इस युग्म को ‘गौरी शंकर रुद्राक्ष’ के नाम से जाना जाता है।
मार्केट में कई बार दो रुद्राक्ष को जोड़कर कृत्रिम गौरीशंकर रुद्राक्ष तैयार किया जाता है, जो असली गौरी शंकर रुद्राक्ष की तुलना में कम फायदेमंद होता है। गौरी शंकर रुद्राक्ष की पहली और महत्वपूर्ण पहचान यही कि इसका जुड़ाव प्राकृतिक हो। इसके अलावा अन्य रुद्राक्ष की तरह पानी में उबाल कर, तेल में डुबोकर या धूप में रखकर असली ‘गौरी शंकर रुद्राक्ष’ की पहचान की जा सकती है।

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