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एक मुखी रुद्राक्ष का पेड़ – कहां मिलेगा, घर में लगाना चाहिए या नहीं |

रुद्राक्ष का पेड़ घर में लगाना उचित है या नहीं, और यदि हां, तो रुद्राक्ष के पेड़ को घर में लगाने का नियम क्या है ?और किस प्रकार इसकी देखभाल करें आगे इस पोस्ट में पढ़ें –

धार्मिक मान्यता के अनुसार रुद्राक्ष का पेड़ भगवान शिव द्वारा दिया गया एक अनमोल उपहार है। पौराणिक कथा के अनुसार त्रिपुर नामक असुर के वध के लिए, महाघोर रूपी अघोर अस्त्र प्राप्त करने हेतु भगवान शिव ने तपस्या की। कठोर तपस्या के बाद जब शिवजी ने अपने नेत्र खोले तो उन्हें परम आनंद की अनुभूति हुई, जिससे उनके आंखों से अश्रु की धारा निकल गई। शिव जी के आंखों से निकले अश्रु की धारा पृथ्वी पर जिस जिस जगह पर गिरी वह पवित्र रुद्राक्ष के पेड़ में परिवर्तित हो गई। इस प्रकार धरती पर रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई।

रुद्राक्ष का पेड़

रुद्राक्ष का पेड़ 2

रुद्राक्ष के पेड़ का नाम ‘इलियोकार्पस गेनिट्रस’ है। औसत रूप से इस पेड़ की ऊंचाई 50 फीट से 200 फीट के बीच होती है। इस पेड़ को बढ़ने एवं इसमें फल लगने में 3 से 4 साल का वक्त लगता है। अकेले भारत में रुद्राक्ष के पेड़ की 300 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं।

इसके पेड़ के पत्ते आम के पत्ते की तरह दिखाई देते हैं। इस पर सफेद रंग का फूल लगता है। इसपर बड़े बड़े बेर के आकार के फल लगते हैं। जिसका स्वाद कसैला और खट्टा होता है। पकने के बाद ये फल नीले रंग का दिखाई देता है इसलिए इस फल को ब्लूबेरी बीड्स के नाम से जाना जाता है। इस फल से निकलने वाला बीज ही ‘रुद्राक्ष ‘ होता है।

रुद्राक्ष का पेड़ कहां मिलेगा ?

रुद्राक्ष का पेड़ 4

रुद्राक्ष का पेड़ मुख्य रूप से उत्तर पूर्वी भारत, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, दक्षिण पूर्वी एशिया और हिमालय तथा गंगा के मैदानो में पाए जाते हैं। रुद्राक्ष की कुछ ऐसी प्रजातियां है जो बहुत दुर्लभ होती है, और सिर्फ नेपाल में पाई जाती है इन्हीं में से एक है ‘ ‘इलियोकार्पस गेनिट्रस”

भारत में रुद्राक्ष के पेड़ असम, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, बंगाल, हरिद्वार, बिहार, गढ़वाल और देहरादून के जंगलों में पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं। दक्षिण भारत में निलगिरी, मैसूर और कर्नाटक में भी रुद्राक्ष के वृक्ष पाए जाते हैं। गंगोत्री एवं यमुनोत्री के मैदान क्षेत्र में भी रुद्राक्ष के वृक्ष देखे जा सकते हैं। अकेले भारत में रुद्राक्ष के पेड़ की 300 से भी अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं।

नोट: मलेशिया इंडोनेशिया एवं नेपाल देश रुद्राक्ष के सबसे बड़े उत्पादक देश माने जाते हैं। जबकि रुद्राक्ष के उपयोग के मामले में भारत विश्व का सबसे बड़ा देश है। यहां पर सबसे अधिक मात्रा में रुद्राक्ष की खपत होती है।

एक मुखी रुद्राक्ष का पेड़

एक मुखी रुद्राक्ष का पेड़

एक मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव का साक्षात स्वरूप माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस रुद्राक्ष की उत्पत्ति पृथ्वी पर गिरे भगवान शिव के पहले आंसू की बूंद से हुई थी। पहले के समय में एक मुखी रुद्राक्ष मिलना बहुत ही दुर्लभ था। असली एक मुखी रुद्राक्ष की कीमत भी बहुत अधिक थी। एक मुखी रुद्राक्ष के अधिकतर वृक्ष सिर्फ नेपाल में ही पाए जाते थे, लेकिन अब बहुतायत मात्रा में रुद्राक्ष की खेती होने लगी है, तो एक मुखी रुद्राक्ष भी आसानी से मिलने लगा है।

एक मुखी रुद्राक्ष के पेड़ नेपाल में आसानी से मिल जाते हैं। भारत के मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर जिले में भी एक मुखी रुद्राक्ष के पेड़ मौजूद है।

हरिद्वार में है एक मुखी रुद्राक्ष का दुर्लभ वृक्ष –

एक मुखी रुद्राक्ष का पेड़ 1

उत्तराखंड के हरिद्वार में एक मुखी रुद्राक्ष का एक दुर्लभ वृक्ष है। यह वृक्ष हरिद्वार के कनखल में हरिहर आश्रम में मौजूद है। बताया जाता है कि एक मुखी रुद्राक्ष के इस पेड़ की उम्र करीब पंद्रह सौ साल है। रुद्राक्ष की ही तरह रुद्राक्ष का यह पेड़ भी पूजनीय है। इस पेड़ को लेकर बहुत सी धार्मिक आस्था जुडी हुई है। सावन माह में इस पेड़ की महत्वता और भी बढ़ जाती है। शिव जी को पूजने वाले भक्त सावन महीने में आकर उत्साह पूर्वक पेड़ की परिक्रमा करते हैं।

इस पेड़ से जुड़ा इतिहास भी काफी रोचक है। हरिहर आश्रम के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के अनुसार 1500 साल पहले हरिहर आश्रम के उस समय के आचार्य नेपाल से एक मुखी रुद्राक्ष का पौधा लेकर आए थे, जिसे उन्होंने आश्रम में रोपा था। अपनी शतायु पूरा कर चुका यह पौधा अब बृहद रूप ले चुका है। बताया जाता है कि इस पेड़ पर साल भर में लगभग एक क्विंटल रुद्राक्ष का फल लगता है। इस पेड़ पर लगे फल को तोड़ना मना है। फल खुद पक कर जमीन पर गिरता है।

रुद्राक्ष का पेड़ घर में लगाना चाहिए या नहीं ?

रुद्राक्ष का पेड़ 3

कई बार लोगों के मन में यह सवाल उठते देखा गया है कि क्या पवित्र रुद्राक्ष का पेड़ घर में लगाना उचित है या नहीं। धार्मिक दृष्टिकोण से रुद्राक्ष के पेड़ को घर में लगाना कैसा माना जाता है ? तो इस सवाल का जवाब है कि हां रुद्राक्ष के पेड़ को घर में लगाया जा सकता है। लेकिन इसे घर में लगाने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान देना आवश्यक है।

  • धार्मिक मान्यता के अनुसार जिस घर में रुद्राक्ष का वृक्ष लगाया जाता है, उस घर पर मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है और घर में मां लक्ष्मी हमेशा वास करती हैं। लेकिन वस्तु शास्त्र के अनुसार रुद्राक्ष के वृक्ष को सदैव घर के ईशान कोण में लगाना चाहिए।
  • धार्मिक मान्यता के अनुसार रुद्राक्ष के पेड़ को घर में लगाने का सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि रुद्राक्ष के पेड़ को भूलकर भी तुलसी जी के पौधे के करीब नहीं लगाना चाहिए।
  • रुद्राक्ष के पौधे को घर के बगीचे के उत्तरी कोने में या घर के मुख्य द्वार के पास लगाया जा सकता है।
  • जिस तरह से रुद्राक्ष को धारण करने के नियम होते हैं, उसी प्रकार रुद्राक्ष के पौधे को घर पर लगाने के लिए सात्विकता के नियम का पालन करना अनिवार्य होता है।
  • रुद्राक्ष के पौधे को घर में लगाने पर साफ सफाई का विशेष ध्यान देना आवश्यक होता है।
  • घर के अंदर किसी भी वृक्ष को लगाते समय इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए कि वृक्ष की जड़ों को फैलने के लिए पर्याप्त स्थान मिले। ये धार्मिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। रुद्राक्ष के वृक्ष के लिए भी यह बात लागू होती है।
  • रुद्राक्ष का पेड़ ठंडे प्रांत में पाया जाने वाला पेड़ है। यदि आपका घर भी इसी तरह की जलवायु में स्थित है तो इस पेड़ को आप आसानी से अपने घर पर लगा सकते हैं। परंतु यदि आप उष्ण जलवायु वाले क्षेत्र में रहते हैं तो इस पेड़ को घर में लगाने के लिए आपको अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ेगी। यदि आप रुद्राक्ष के पेड़ को विकसित होने हेतु अनुकूल परिस्थितियों घर पर दे सकते हैं तो इस पेड़ को अवश्य ही अपने घर पर लगा सकते हैं।

रुद्राक्ष का पेड़ लगाने की विधि

रुद्राक्ष का पेड़

रुद्राक्ष के पेड़ को लगाने के लिए एयर लेयरिंग विधि का उपयोग किया जाता है। इसके पेड़ को लगाने के लिए सबसे पहले तीन-चार साल के पौधे के तने में रिंग काटकर इस पर मौस लगाया जाता है। फिर इसे 250 माइक्रोन की पॉलिथीन से ढक कर इसे चारों तरफ से रस्सी से बांधकर रख दिया जाता है। लगभग 45 दिन के अंतराल में इसमें से जड़ें निकलने लगती हैं। अब इसे काट कर नए बैग में लगा दिया जाता है। लगभग 15 से 20 दिन के बाद इसमें से रुद्राक्ष का पौधा उगने लगता है। कई नर्सरी में भी रुद्राक्ष के पौधे मिलते हैं। जिन्हें घर पर लाकर लगाया जा सकता है। लगभग तीन से चार साल के समय में रुद्राक्ष के पेड़ पर फल आने शुरू हो जाते हैं।

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