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1, 2,3,8,9,10 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

नेगेटिविटी होती है दूर, दिमाग रहता है शांत। रुद्राक्ष पहनने के फायदे हैं अद्भुत। आगे पढ़े रुद्राक्ष से जुड़े लाभ

रुद्राक्ष एक प्रकार का फल है।रुद्राक्ष के पेड़ नेपाल, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण पूर्वी एशिया व हिमालय तथा गंगा के मैदान में उगते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार रुद्राक्ष के पेड़ की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। रुद्राक्ष के हर दाने को भगवान शिव का आशीर्वाद मिला है। यही वजह है कि रुद्राक्ष का हर दाना बेहद पवित्र एवं दिव्य ऊर्जा से भरा हुआ माना जाता है।

रुद्राक्ष को पहनने के फायदे अनगिनत है। रुद्राक्ष को पहनना सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से ही लाभप्रद नहीं है, बल्कि कई शोधों में भी इस बात की पुष्टि हुई है कि रुद्राक्ष को पहनना किसी भी व्यक्ति के लिए बेहद लाभदायक होता है।

दुनिया में कई प्रकार के रुद्राक्ष पाए जाते हैं। रुद्राक्ष की बनावट के आधार पर इसे एक मुखी से लेकर 21 मुखी तक के ग्रुप में बांटा गया है। हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ शिव महापुराण में रुद्राक्ष के 16 प्रकार का वर्णन किया गया। यूं तो दुनिया में पाए जाने वाले हर रुद्राक्ष में भगवान शिव का स्वरूप बसा हुआ है। रुद्राक्ष का हर दाना बहुत खास होता है, और सबकी अपनी अलग विशेषता होती है। लेकिन अलग-अलग प्रकार के रुद्राक्ष के अपने अलग-अलग फायदे होते हैं।

जैसे पांच मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे अलग है, तो सात मुखी रुद्राक्ष के अपने अलग फायदे हैं। वहीं 6 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे अलग है। आगे इस पोस्ट में पढ़े रुद्राक्ष पहनने के फायदे क्या-क्या है ?

Table of Contents

1 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

1 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

एक मुखी रुद्राक्ष ॐ के आकार का होता है। इस रुद्राक्ष में भगवान शिव साक्षात रूप से विराजमान होते हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया धार्मिक मान्यता के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के आंखों से गिरे पहले आंसू की बूंद से एक मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई थी। सूर्य को एकमुखी रुद्राक्ष का स्वामी माना जाता है। इस दिव्य एवं अलौकिक रुद्राक्ष को पहनने से बहुत लाभ होता है। एक मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे कुछ इस प्रकार हैं –

  • एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से धन लाभ के योग बनते हैं, मान सम्मान में वृद्धि होती है एवं आर्थिक स्थिति मजबूत बनती है।
  • एक मुखी रुद्राक्ष को पहनने वाले व्यक्ति को सदैव भाग्य का साथ मिलता है।
  • कुंडली में किसी भी ग्रह की स्थिति खराब होने पर एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना फायदेमंद होता है।

1 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम

  • एक मुखी रुद्राक्ष को रविवार, सोमवार अथवा शिवरात्रि के दिन पहनना शुभ माना जाता है।
  • शिव जी के प्रति गहरी आस्था रखने वाले व्यक्ति को ही एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
  • रुद्राक्ष को धारण करने से पहले कच्चे दूध एवं गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए।
  • रुद्राक्ष को धारण करने के पश्चात मांस-मदिरा इत्यादि से दूर रहना चाहिए
  • रुद्राक्ष को धारण करने से पहले ‘ॐ ह्लीं नमः’ मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए। इसके पश्चात ही रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।

2 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

2 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

धार्मिक मान्यता के अनुसार दो मुखी रुद्राक्ष के एक मुख में भगवान शिव एवं दूसरे मुख में माता पार्वती वास करती हैं। दो मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे कुछ इस प्रकार हैं –

  • धार्मिक मान्यता के अनुसार दो मुखी रुद्राक्ष का चंद्र ग्रह से खास संबंध होता है। ऐसे में इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति की कुंडली में यदि चंद्रमा ग्रह से जुड़ा हुआ कोई दोष होता है, तो वह समाप्त होता है।
  • दो मुखी रुद्राक्ष जिसमें भगवान शिव एवं मां पार्वती विराजमान है, इसे धारण करने से दांपत्य जीवन सुखमय बनता है।
  • दो मुखी रुद्राक्ष मन को शांत रखता है एवं आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
  • 2 मुखी रुद्राक्ष पहनने से तनाव खत्म होता है वह स्नायु तंत्र से जुड़े रोगों से मुक्ति मिलती है।
  • दो मुखी रुद्राक्ष अनिद्रा की समस्या को दूर करता है।
  • दो मुखी रुद्राक्ष पहनने से व्यावसायिक एवं पारिवारिक संबंधों में मजबूती आती है।

2 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम

  • दो मुखी रुद्राक्ष को सावन माह के किसी भी दिन, या सोमवार अथवा शिवरात्रि के दिन पहनना चाहिए।
  • इस रुद्राक्ष को हमेशा लाल अथवा काले धागे में पहनना चाहिए।
  • दो मुखी रुद्राक्ष को गले अथवा कलाई पर पहना जाता है। गले पर धारण करते हुए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि धागे की लंबाई इतनी हो कि वह हृदय तक पहुंचे।
  • रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे शिवजी के चरणों में समर्पित करना चाहिए।
  • रुद्राक्ष का पूजन करने के पश्चात शिव जी के महामृत्युंजय मंत्र अथवा शिव पंचाक्षर मंत्र का जप 108 बार करना चाहिए। इसके बाद ही रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।

3 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

3 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

तीन मुखी रुद्राक्ष ईश्वर की तीन शक्ति का प्रतीक है। तीन मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे कुछ इस प्रकार है-

  • तीन मुखी रुद्राक्ष को गले में पहनने से मंगल एवं सूर्य ग्रह से जुड़े सभी दोष समाप्त होते हैं।
  • तीन मुखी रुद्राक्ष को पहनने वाले व्यक्ति के चेहरे पर तेज बढ़ता है।
  • यह ऊर्जा एवं साहस को बढ़ाता है
  • छात्रों के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष बहुत ही लाभकारी माना जाता है।
  • तीन मुखी रुद्राक्ष कुंडली में मंगल ग्रह के नकारात्मकता को खत्म करता है एवं इससे जुड़े सभी दोषों को समाप्त करता है।
  • तीन मुखी रुद्राक्ष को पहनने से कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है एवं मान सम्मान में वृद्धि होती है।

3 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम

  • तीन मुखी रूद्राक्ष को सदैव लाल अथवा पीले धागे में पहनना चाहिए।
  • रुद्राक्ष की माला को सदैव विषम संख्या के मोतियों में ही पहनना चाहिए।
  • रुद्राक्ष को पहनते समय भगवान शिव के मंत्र ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप करना चाहिए।

4 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

4 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

रचनात्मकता के देव ब्रह्मा जी एवं ज्ञान की देवी मां सरस्वती को चार मुखी रुद्राक्ष का अधिपति देव माना गया है। 4 मुखी रुद्राक्ष के पहनने फायदे कुछ इस प्रकार हैं-

  • छात्रों के लिए चार मुखी रुद्राक्ष सबसे अच्छा रुद्राक्ष माना गया है, क्योंकि इसे पहनने से एकाग्रता आती है जो छात्रों के लिए बहुत ही आवश्यक है।
  • इस रुद्राक्ष को धारण करने से याद्दाश्त मजबूत होती है।
  • चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से वाणी पर इसका अनुकूल प्रभाव पड़ता है। स्वभाव में सौम्यता एवं मधुरता आती है।
  • अध्यात्म की तरफ रुचि बढ़ाने के लिए भी चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना सही रहता है।
  • चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक शांति मिलती है।
  • व्यवसाय वर्ग से जुड़े लोगों के लिए भी चार मुखी रुद्राक्ष शुभ फलदायक होता है।

4 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम

  • चार मुखी रुद्राक्ष को सोमवार के दिन पहनना सबसे उत्तम माना जाता है।
  • इस रुद्राक्ष को सोने या चांदी में गढ़कर अथवा ऊनी या रेशम के धागे में पहनना चाहिए।
  • इस रुद्राक्ष को पहनने से पहले गंगाजल तथा गाय के दूध से पवित्र करना चाहिए। इसके पश्चात भगवान शिव का ध्यान करते हुए ‘ॐ ह्लीं नमः ‘ मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
  • धार्मिक मान्यता के अनुसार क्योंकि चार मुखी रुद्राक्ष में भगवान ब्रह्मा का वास होता है, ऐसे में इस रुद्राक्ष को धारण करते समय ब्रह्मा जी के मंत्र को अभिमंत्रित करना आवश्यक है। इसके लिए ‘ॐ ब्रह्म देवाय नमः’ मंत्र का जप करना चाहिए।

8 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

8 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

आठ मुखी रुद्राक्ष को लेकर यह धार्मिक मान्यता है कि इसमें श्री गणेश का वास होता है। यह रुद्राक्ष राहु ग्रह से संबंधित होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार जिस प्रकार किसी भी कार्य की शुरुआत भगवान श्री गणेश की पूजा के साथ होती है, उसी प्रकार आठ मुखी रुद्राक्ष आठों दिशाओं एवं आठों सिद्धियों का नेतृत्व करता है। इस रुद्राक्ष को कोई भी व्यक्ति बिना संकोच पहन सकता है। आठ मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे कुछ इस प्रकार हैं –

  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु की स्थिति खराब हो तो 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ मिलता है।
  • आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से धैर्य शीलता बढ़ती है, स्वभाव में शीतलता आती है और मन शांत होता है।
  • आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के करियर में आ रही सभी प्रकार की बाधाएं खत्म होती है।
  • इस रुद्राक्ष पर भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद है अतः इस रुद्राक्ष को धारण करने से बुद्धि बढ़ती है, आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, और यश की प्राप्ति होती है।
  • आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से स्वास्थ्य को भी लाभ मिलता है।
  • आठ मुखी रुद्राक्ष अकाल मृत्यु के भय को भी समाप्त करता है।

9 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

9 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

9 मुखी रुद्राक्ष में मां दुर्गा के नौ रूप का वास होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार 9 मुखी रुद्राक्ष में मां दुर्गा की नौ शक्तियां समाहित होती हैं। 9 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे कुछ इस प्रकार है –

  • 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्तियों से बुरी शक्तियां एवं प्रेत आत्माएं दूर रहती हैं।
  • 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति पर मां दुर्गा की विशेष कृपा दृष्टि रहती है।
  • इस रुद्राक्ष को पहनने से साहस बढ़ता है।
  • 9 मुखी रुद्राक्ष मस्तिष्क को नियंत्रित करता है।
  • स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियां जैसे चक्कर आना, त्वचा से जुड़े विकार या किसी भी प्रकार के फोबिया से ग्रस्त व्यक्ति के लिए 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करना फायदेमंद होता है।
  • क्रोध को नियंत्रित रखने के लिए भी 9 मुखी रुद्राक्ष को धारण करना फायदेमंद होता है।
  • 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।
  • कहा जाता है कि रुद्राक्ष के मोती को तांबे के बर्तन में डुबोकर इसके जल को पिलाने से सर्प दंश के जहर का असर खत्म हो जाता है।
  • स्वास्थ्य की दृष्टि से भी 9 मुखी रुद्राक्ष बहुत फायदेमंद होता है। यह मस्तिष्क, स्तन, गर्भधारण की समस्या, मिर्गी की समस्या एवं आंखों की समस्या को दूर करने में लाभदायक साबित होता है।
  • मानसिक विकार जैसे भ्रम, चिंता, अनिद्रा इत्यादि को भी दूर करने में 9 मुखी रुद्राक्ष सहायक होता है।

9 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम

  • नौ मुखी रुद्राक्ष को शनिवार के दिन पहनना चाहिए।
  • इसे धारण करने के लिए सुबह उठकर स्नान इत्यादि करने के पश्चात पूजा स्थल पर पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठना चाहिए।
  • इसके पश्चात तांबे के बर्तन में नौ मुखी रुद्राक्ष को रखकर गंगाजल से इसे शुद्ध करना चाहिए।
  • ‘ॐ ह्लीं हूं नमः’ मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए।
  • इसके पश्चात लाल अथवा पीले रेशमी धागे में बांधकर इसे गले अथवा हाथ में धारण करना चाहिए।
  • नौ मुखी रुद्राक्ष को चांदी अथवा सोने की चेन में भी डालकर पहन सकते हैं।

10 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

10 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

पुराणों के अनुसार 10 मुखी रुद्राक्ष पर भगवान विष्णु का आशीर्वाद होता है। इसके साथ ही धार्मिक मान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि 10 मुखी रुद्राक्ष को यमराज एवं दसों दिशाओं के स्वामी दिगपाल का वरदान प्राप्त है। इस रुद्राक्ष पहनने के फायदे कुछ इस प्रकार हैं –

  • 10 मुखी रुद्राक्ष चिंता को दूर करता है और अनिद्रा की शिकायत को खत्म करता है।
  • वास्तु दोष को खत्म करने के लिए भी 10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करना फायदेमंद है।
  • 10 मुखी रुद्राक्ष नौ ग्रहों की शांत करने का काम करता है। इसे पहनने से व्यवसाय में आ रही परेशानियां खत्म होती हैं।
  • 10 मुखी रुद्राक्ष पहनने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती है, और मन में आ रहे कुविचार खत्म होते हैं।
  • 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से भूत प्रेत की बाधाएं दूर रहती हैं।
  • 10 मुखी रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति पर किसी प्रकार का जादू टोना असर नहीं करता है, व नजर दोष भी खत्म होता है।
  • घर अथवा कार्यालय में वास्तु दोष की समस्या को खत्म करने के लिए और ग्रहों की स्थिति को ठीक करने के लिए 10 मुखी रुद्राक्ष को रखना लाभदायक माना जाता है।
  • 10 मुखी रुद्राक्ष को पहनने से संपत्ति एवं कोर्ट कचहरी से जुड़ी समस्याएं खत्म होती हैं।

10 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम

  • 10 मुखी रुद्राक्ष को सदैव गंगाजल से शुद्ध करने के पश्चात ही धारण करना चाहिए।
  • इस रुद्राक्ष को पहनने से पहले इस पर चंदन का टीका लगाना चाहिए एवं धूप दिखाकर सफेद फूल अर्पित करना चाहिए।
  • किसी शिवलिंग अथवा भगवान शिव की तस्वीर से रुद्राक्ष को स्पर्श कराने के पश्चात ही इसे पहनना चाहिए।
  • रुद्राक्ष को शिवलिंग से स्पर्श करते हुए कम से कम 11 बार ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • इसके बाद इसे धारण करते समय ॐ ह्लीं नमः मंत्र का जप करना चाहिए।

11 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

11 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

11 मुखी रुद्राक्ष में हनुमान जी का वास होता है। इस रुद्राक्ष की सतह पर 11 रेखाएं बनी होती है जिसे भगवान शिव के 11 वें अवतार के रूप में संबोधित किया जाता है। 11 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे कुछ इस प्रकार है –

  • 11 मुखी रुद्राक्ष पहनने से शारीरिक इंद्रियां नियंत्रित रहती हैं।
  • 11 मुखी रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक शक्ति मिलती है।
  • 11 मुखी रुद्राक्ष डर को दूर करता है और व्यक्ति को निडर बनाता है।
  • इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति में भगवान के प्रति आस्था बढ़ती है और आध्यात्म में ध्यान केंद्रित होता है।
  • यह रुद्राक्ष शनि ग्रह के दुष्प्रभाव को दूर करता है।
  • यह रुद्राक्ष अकाल मृत्यु के भय को दूर करता है।
  • 11 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से शनि के साढ़ेसाती का दुष्प्रभाव कम होता है।
  • यदि किसी स्त्री को संतान प्राप्ति में समस्या आ रही है तो उसके लिए 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करना फायदेमंद है।

11 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम

  • 11 मुखी रुद्राक्ष को मंगलवार अथवा गुरुवार के दिन धारण करना चाहिए।
  • इस रुद्राक्ष को रेशम अथवा किसी अन्य धागे में पिरोकर या चांदी अथवा सोने से बने चेन में धारण करना चाहिए।
  • रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे गंगाजल से पवित्र करना चाहिए।
  • प्रातः काल स्नान इत्यादि करके, स्वच्छ वस्त्र पहनकर, पूर्व दिशा की तरफ मुख करके ‘ॐ ह्लीं हूं नमः’मंत्र का जाप करने के पश्चात ही रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
  • इस रुद्राक्ष को पहनने के बाद प्रतिदिन नियम पूर्वक तीन बार ‘ओम नमः शिवाय‘ मंत्र के साथ माला का जाप करना चाहिए।

13 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

13 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

धार्मिक मान्यता के अनुसार 13 मुखी रुद्राक्ष भगवान इंद्र का स्वरूप होता है। इस पर कामदेव की विशेष कृपा दृष्टि होती है। 13 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे कुछ इस प्रकार हैं –

  • 13 मुखी रुद्राक्ष गृहस्थ आश्रम को सुखमय बनाने की दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है।
  • इस रुद्राक्ष को पहनने से कुंडली का कमजोर शुक्र ग्रह मजबूत होता है।
  • 13 मुखी रुद्राक्ष दांपत्य जीवन में सुख लाता है।
  • इस रुद्राक्ष को पहनने से धन और ऐश्वर्य मिलता है।
  • कुंडली में ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल होने पर 13 मुखी रुद्राक्ष पहनना लाभदायक साबित होता है।

13 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम

  • 13 मुखी रुद्राक्ष को सोमवार अथवा शिवरात्रि के दिन पहनना सबसे शुभ माना जाता है।
  • इस रुद्राक्ष को पहनने से पहले गंगाजल एवं कच्चे दूध से शुद्ध करना चाहिए।
  • इसके पश्चात ‘ॐ ह्लीं नमः’ मंत्र का 108 बार जप करते हुए रुद्राक्ष को जागृत करना चाहिए।
  • इसके पश्चात ही रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
  • रुद्राक्ष को धारण करने के पश्चात मांस मदिरा एवं किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए।

14 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

14 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

शास्त्रों में 14 मुखी रुद्राक्ष को देवमणि या महाशनि के नाम से भी संबोधित किया गया है। इस रुद्राक्ष पर भगवान शिव एवं हनुमान जी का आशीर्वाद है। धार्मिक मान्यता के अनुसार 14 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के तीसरी आंख से गिरे हुए आंसुओं से हुई थी। जैसा कि कहा जाता है कि भगवान शिव की तीसरी आंख बुरी शक्तियों का विनाश करने के लिए खुलती है, ठीक उसी प्रकार इस रुद्राक्ष को धारण करने से जीवन के सभी नकारात्मक शक्तियों का विनाश हो जाता है। 14 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे कुछ इस प्रकार है –

  • 14 मुखी रुद्राक्ष पहनने से सभी नकारात्मक ऊर्जाएं खत्म होती है और व्यक्ति आध्यात्म की तरफ अग्रसर होता है।
  • 14 मुखी रुद्राक्ष मांसपेशियों एवं हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को खत्म करता है।
  • इस रुद्राक्ष को पहनने से अपनी क्षमताओं को पहचानने में मदद मिलती है।
  • 14 मुखी रुद्राक्ष मंगल दोष के दुष्प्रभाव को कम करता है।
  • 14 मुखी रुद्राक्ष शनि के साढ़ेसाती के दुषप्रभाव को भी काम करता है।
  • 14 मुखी रुद्राक्ष पहनने से वाणी से संबंधित विकार दूर होते हैं।
  • ये रुद्राक्ष भय, चिंता इत्यादि को दूर करता है।

14 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम

  • इस रुद्राक्ष को रेशम के धागे में पिरोकर या चांदी अथवा सोने के चेन में धारण किया जा सकता है।
  • रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे गंगाजल से शुद्ध करे।
  • भगवान शिव के मंत्र ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए रुद्राक्ष को जागृत करें।
  • तत्पश्चात श्रद्धा पूर्वक इसे धारण करें।

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