हिंदू धर्म में शिवलिंग पर शहद, घी, दूध, जल और पंचामृत चढ़ाकर इसका अभिषेक करने की प्रक्रिया सदियों से होती चली आई है। लेकिन क्या आप जानते हैं इसका धार्मिक महत्व क्या है ? आगे इस पोस्ट में पढ़े शिवलिंग पर शहद, घी, दूध चढ़ाने के क्या फायदे हैं –
हिंदू धर्म में भगवान शिव के निराकार स्वरूप शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व होता है। भगवान शिव की पूजा शिवलिंग के अभिषेक के बिना अधूरी मानी जाती है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर शिवजी को अत्यंत प्रिय भांति- भांति प्रकार की चीजें चढ़ाई जाती है।
शिवलिंग पर जो भी चीजे चढ़ाई जाती है, उसे चढ़ाने के नियम और सभी चीजों के धार्मिक महत्व अलग अलग होते हैं। यूं तो शिवलिंग पर अलग-अलग प्रकार के अन्न, विभिन्न प्रकार के मसाले, भिन्न भिन्न फूल, और पत्तियां अर्पित की जाती हैं। लेकिन शिवलिंग के अभिषेक के लिए सदैव जल के अलावा, दूध, शहद, घी या पंचामृत का ही इस्तेमाल किया जाता है।
शिवलिंग के अभिषेक को लेकर अक्सर लोगों के मन में कई सवाल आते हैं। जैसे शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाएं ? शिवलिंग पर दूध किस बर्तन से चढ़ाना उचित रहता है ? इसके साथ ही शिवलिंग पर शहद, घी, दूध चढ़ाने का धार्मिक महत्व क्या है, और इससे जुड़े क्या फायदे हैं ? इन सभी सवालों का जवाब आगे इस पोस्ट में दिया गया है –
शिवलिंग पर शहद चढ़ाने के फायदे
शहद को दुनिया में मौजूद पांच तत्वों – पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि व आकाश में आकाश तत्व का प्रतीक माना गया है। ठंडी तासीर वाले शहद में कई औषधीय गुण होने के साथ इसे धार्मिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
शहद आयुर्वेदिक औषधि के रूप में काम करता है। इसके सेवन से कई गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिलता है। सर्दी जुकाम जैसी मौसमी बीमारियों को चुटकियों में भगाने के लिए शहद का इस्तेमाल कर कई घरेलू नुस्खे तैयार किए जाते हैं।
औषधीय गुणों से भरपूर शहद को ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी बहुत शुभ माना गया है। यही वजह है कि हिंदू धर्म में पूजा पाठ में शहद का इस्तेमाल किया जाता है। शिव जी की पूजा या विष्णु जी की पूजा में चढ़ाए जाने वाले पंचामृत को बनाते समय इसमें भी शहद अवश्य मिलाया जाता है। बिना शहद के पंचामृत पूर्ण नहीं होता।
धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवलिंग पर शहद चढ़ाना भी बहुत शुभ माना गया है। शिवलिंग पर शहद चढ़ाने के कई फायदे हैं। जैसे –
- धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवलिंग पर शहद चढ़ाने से आर्थिक तंगी दूर होती है, धन आगमन के नए मार्ग खुलते हैं, तरक्की के मार्ग खुलते हैं।
- यदि किसी व्यक्ति को लगातार जीवन में असफलताओं का सामना करना पड़ रहा है, तो उसे शिवलिंग पर शहद चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से सफलता मिलने के योग बनते हैं।
- शिवजी को बेलपत्र बेहद पसंद है। धार्मिक मान्यता के अनुसार कठिन से कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए, बेलपत्र पर बीचों-बीच शहद लगाकर शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए।
शिवलिंग पर घी चढ़ाने के फायदे
देसी घी को बहुत शुद्ध माना जाता है। इसका इस्तेमाल हिंदू धर्म में लगभग हर पूजा पाठ में किया जाता है। पूजा पाठ के लिए तैयार किया गया प्रसाद भी प्रायः देसी घी में ही बनाया जाता है। इसके साथ ही ये धार्मिक मान्यता है की घर के पूजा स्थल में देसी घी का दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और पॉजिटिविटी आती है।
शिवजी के पूजा करते समय शिवलिंग पर भी घी चढ़ाना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवलिंग पर चढ़ने के कई फायदे हैं, जो कुछ इस प्रकार है –
- ऐसी धार्मिक मान्यता है कि शिवलिंग पर घी चढ़ाने से शिवजी बेहद प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।
- शिवलिंग पर घी चढ़ाने से व्यक्ति को ऊर्जा मिलती है। जीवन में उल्लास आता है। व्यक्ति में उत्साह की वृद्धि होती है। यूं कह सकते हैं की शिवलिंग पर घी चढ़ाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, जिससे व्यक्ति उत्साहपूर्वक अपने जीवन में आगे बढ़ता है।
- शिवलिंग पर घी चढ़ाने से मानसिक परेशानियां दूर होती है।
शिवलिंग पर घी चढ़ाने की विधि
यूं तो शिवलिंग पर घी अर्पित करने मात्र से महादेव प्रसन्न होते हैं, और मन की इच्छाओं को पूरा करते हैं। लेकिन यदि शिवलिंग पर घी चढ़ाते समय कुछ मंत्रो का जाप किया जाए तो शीघ्र लाभ मिलता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवलिंग पर घी चढ़ाते वक्त जिन मंत्रो का जाप करना चाहिए वो कुछ इस प्रकार हैं –
- ॐ नमः शिवाय
- ॐ सोमेश्वराय नमः
- ॐ त्रयंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुकमीव बंधनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात।।
शिवलिंग पर दूध चढ़ाने के फायदे/ शिवलिंग पर दूध किस बर्तन से चढ़ाना चाहिए ?
भगवान शिव के निराकार स्वरूप शिवलिंग का दूध के द्वारा अभिषेक किया जाना, सबसे अधिक शुभ माना गया है। भगवान शिव से जुड़े विशेष दिनों जैसे शिवरात्रि, श्रावण मास, एवं सोमवार के दिन शिवलिंग का दूध से अभिषेक करना तो शुभ माना ही गया है, इसके साथ ही नियमित तौर पर भी शिवलिंग का दूध से अभिषेक किया जाना शुभ है।
कुंवारी कन्याएं मनपसंद जीवनसाथी के लिए, सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु व अपने सौभाग्य के लिए, तो पुरुष अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए शिवलिंग का जल एवं दूध से अभिषेक करते हैं। शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से जीवन में सुख एवं समृद्धि आती है। लेकिन दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना अति आवश्यक है। इन नियमों में सबसे खास है की शिवलिंग पर दूध किस बर्तन में चढ़ाना चाहिए ? आईए जानते हैं –
वास्तु शास्त्र के अनुसार चांदी का बर्तन बहुत शुभ होता है। चांदी का सीधा संबंध चंद्रमा और शुक्र ग्रह से होता है। इसलिए पूजा- पाठ में चांदी धातु का इस्तेमाल करने से चंद्रमा एवं शुक्र ग्रह मजबूत होते हैं। शिवलिंग पर दूध चढ़ाने के लिए चांदी के बर्तन का इस्तेमाल करना सबसे शुभ माना गया है।
चांदी के अलावा पीतल की धातु से बने बर्तन से भी शिवलिंग पर दूध चढ़ाया जा सकता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए चांदी और पीतल के बर्तन के अलावा तांबे और कांसे के बर्तन का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन भूल कर भी शिवलिंग पर दूध लोहे, एल्युमिनियम, प्लास्टिक अथवा कांच के बर्तन से नहीं चढ़ाना चाहिए अन्यथा फायदे की जगह नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
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