धन आगमन के खुलते हैं नए मार्ग। आय के स्त्रोत में होती है वृद्धि। आगे इस पोस्ट में जानें और क्या हैं 7 मुखी रुद्राक्ष के फायदे?
रुद्राक्ष को पहनना या रुद्राक्ष को अपने पास रखना धार्मिक दृष्टिकोण के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होता है। खासतौर से हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना जाता है और इसे भगवान शिव की तरह ही पूजा जाता है।
प्राचीन काल में मात्र साधु एवं संत ही रुद्राक्ष को पहने हुए नजर आते थे। धीरे-धीरे जब रुद्राक्ष से जुड़े चमत्कार लोगों को पता चले तो साधारण मनुष्य द्वारा भी रुद्राक्ष को धारण करने का प्रचलन बढ़ गया। धार्मिक मान्यता के अनुसार रुद्राक्ष को पहनना या किसी भी तरीके से रुद्राक्ष को अपने करीब या घर के किसी पवित्र स्थान में रखना शुभ फलदाई होता है।
रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है, ऐसी धार्मिक मान्यता है कि जो लोग रुद्राक्ष को पहनते हैं या अपने पास रखते हैं वह आसानी से भगवान शिव के मन के करीब पहुंचते हैं और भगवान शिव उनके सभी कष्टों को हर कर उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
दुनिया में कई तरह के रुद्राक्ष पाए जाते हैं। ये रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर 21 मुखी तक के होते हैं। इनमें से सबसे अच्छा रुद्राक्ष कौन सा है यह कह पाना मुश्किल है , क्योंकि हर रुद्राक्ष की अपनी विशेषता होती है, और हर रुद्राक्ष के अपने फायदे होते हैं। हर रुद्राक्ष को पहनने के नियम अलग-अलग होते हैं।
आगे इस पोस्ट में पढ़े 7 मुखी रुद्राक्ष के फायदे कौन-कौन से हैं ?
7 मुखी रुद्राक्ष के फायदे
दुनिया में मौजूद एक मुखी रुद्राक्ष से लेकर 21 मुखी रुद्राक्ष के अपने अलग अलग फायदे हैं। एक मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे कुछ और तो 5 मुखी रुद्राक्ष के फायदे कुछ और होते हैं। ऐसे ही 7 मुखी रुद्राक्ष के फायदे भी अलग हैं।
7 मुखी रुद्राक्ष के फायदे क्या है, यह जानने से पहले बता दे कि सात मुखी रुद्राक्ष को मां महालक्ष्मी के स्वरूप के रूप में जाना जाता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि सात मुखी रुद्राक्ष में मां महालक्ष्मी स्वयं विराजमान होती है।
7 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे
मां महालक्ष्मी के स्वरूप 7 मुखी रुद्राक्ष के फायदे कुछ इस प्रकार हैं –
- सात मुखी रुद्राक्ष में मां महालक्ष्मी का स्वरूप विराजमान है, ऐसे में धार्मिक मान्यता के अनुसार इस रुद्राक्ष को धारण करना आर्थिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होता है। जो व्यक्ति इस रुद्राक्ष को धारण करता है उस पर मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि सदैव बनी रहती है। आय के नए स्रोत खुलते रहते हैं, और आय में वृद्धि होती है।
- सात मुखी रुद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति पर शनि देव की विशेष कृपा रहती है ऐसे में इस रुद्राक्ष को धारण करने से शनि की साढ़ेसाती अथवा ढैय्या के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
- 7 मुखी रुद्राक्ष पहनने से नौकरी न मिलने की समस्या दूर होती है एवं व्यवसाय के लिए भी यह लाभप्रद है।
- 7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को, सप्त ऋषियों का आशीर्वाद मिलता है, जिससे शरीर के सप्त धातु सुरक्षित रहते हैं।
7 मुखी रुद्राक्ष पहनने से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ
सात मुखी रुद्राक्ष पहनना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। उदाहरण के लिए –
- सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से स्नायु तंत्र से जुड़े रोगों से आराम मिलता है।
- सात मुखी रुद्राक्ष मानसिक परेशानी को दूर करने में सहायक होता है।
- हड्डी एवं मांसपेशियों से जुड़े दर्द तथा गठिया के दर्द से भी मुक्ति मिलती है।
- श्वास संबंधी बीमारियों के लिए भी 7 मुखी रुद्राक्ष लाभकारी होता है।
7 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम :
हर रुद्राक्ष को पहनने के नियम अलग-अलग होते हैं। सात मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम कुछ इस प्रकार है –
- इस रुद्राक्ष को सोमवार, शिवरात्रि अथवा श्रवण मास में किसी भी दिन विधिपूर्वक धारण किया जा सकता है।
- सात मुखी रुद्राक्ष को कभी भी काले रंग के धागे में धारण नहीं करना चाहिए।
- रुद्राक्ष को धारण करने से पहले एक चांदी या तांबे की कटोरी में दही, दूध, घी, शहद एवं शक्कर से बनी मिश्रण से इसका अभिषेक करना चाहिए। इसके पश्चात गंगाजल से शुद्ध करने के बाद इस पूजा घर में लाल वस्त्र पर रख देना चाहिए।
- अब घी का दीपक जलाकर -‘ ॐ नमः शिवाय अथवा ॐ हूं नमः’ मंत्र का कम से कम 501 बार या 1100 बार जाप करना चाहिए।
- इसके पश्चात भगवान शिव का नाम लेते हुए रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।
नोट: किसी भी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले एक बार ज्योतिष की सलाह लेना उचित होगा।
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