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लड़कियों को रुद्राक्ष पहनना चाहिए या नहीं

हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को बहुत पवित्र माना जाता है। रुद्राक्ष को महादेव के अंश के रुप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है तथा रुद्राक्ष को पवित्र मानकर इसकी पूजा करता है, उसको कभी भी सुख समृद्धि तथा स्वास्थ्य एवं शांति की कमी नहीं रहती है। परंतु रुद्राक्ष को धारण करने को लेकर भी बहुत सारी सावधानियां बरतनी पड़ती है, रुद्राक्ष पहनने के नियम होते हैं जिनका पालन करना सबके लिए अनिवार्य होता है। इसे हर कोई नहीं धारण कर सकता है। प्राचीन काल में ऐसी मान्यताएं थीं कि रुद्राक्ष को केवल पुरुषों के द्वारा ही धारण किया जाना चाहिए। क्योंकि पुरुष हमेशा पवित्र रहते हैं। यही कारण है कि अगर पुरुष रुद्राक्ष को धारण करते हैं तो रुद्राक्ष हमेशा पवित्र और शुद्ध ही रहता है।

ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या लड़कियां या महिलाएं रुद्राक्ष को धारण कर सकती हैं या नहीं? या फिर जो लड़कियां रुद्राक्ष को धारण करती हैं, उन्हें रुद्राक्ष पहनने के फायदे मिलते हैं या नहीं? इसका जवाब आज इस पोस्ट में हम आपको देने वाले हैं।

लड़कियों को रुद्राक्ष पहनना चाहिए या नहीं?

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आजकल की परिस्थितियों से तो हर कोई वाकिफ है। आज के समय में लड़की और लड़कों को एक समान समझा जाता है। लेकिन प्राचीन काल में ऐसा नहीं था। प्राचीन में लड़की और लड़के में फर्क किया जाता था, यही कारण है कि प्राचीन काल में लड़कियों को रुद्राक्ष पहनने की भी अनुमति नहीं थी, लड़कियों को अशुद्ध माना जाता था। लड़के हमेशा से पवित्र माने गए हैं।

लेकिन ऐसा किसी भी ग्रंथ में नहीं लिखा हुआ है कि लडकियों को रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष को धारण करते समय एक बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि रुद्राक्ष कभी भी अशुद्ध नहीं होना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करने से जीवन में सकारात्मक प्रभाव आने लगते हैं, इसीलिए इसे कोई भी धारण कर सकता है। लडकियों को रुद्राक्ष पहनना चाहिए या नहीं, ये हमेशा से एक बड़ा प्रश्न रहा है। आज के समय में लड़कियां भी रुद्राक्ष को धारण कर सकती हैं, लेकिन जो भी लड़की रुद्राक्ष को धारण करती है, उसे ये बात ध्यान में रखनी चाहिए कि जब भी इसे धारण किया जाए तो आपका शरीर शुद्ध होना चाहिए। इसका मतलब ये हुआ कि मासिक धर्म के दौरान, गर्भावस्था के दौरान, संभोग करते समय, प्रसव के समय या अन्य किसी भी शारीरिक अशुद्धि के समय लडकियां रुद्राक्ष को धारण नहीं कर सकती हैं।

मासिक धर्म के समय नहीं पहनना चाहिए रुद्राक्ष

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  • मासिक धर्म के दौरान महिलाएं शारीरिक रूप से अशुद्ध हो जाती हैं, इसीलिए ऐसे में अगर महिलाएं रुद्राक्ष को धारण करती हैं तो रुद्राक्ष सकारात्मक की जगह नकारात्मक प्रभाव देने लगता हैं। यही कारण है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को रुद्राक्ष को धारण करने से रोका जाता है।
  • इसके अलावा गर्भधारण के समय भी महिलाओं के रुद्राक्ष धारण को लेकर आपत्ति जताई जाती है, लेकिन गर्भधारण के समय महिलाएं अशुद्ध नहीं होती हैं। इसलिए इस बात को नकार दिया गया। और गर्भावस्था के दौरान रुद्राक्ष पहनने की अनुमति हो गई।
  • इसके अलावा संभोग करते समय पुरुष तथा महिला दोनों को ही रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। अगर शारीरिक संबंध बनाते समय रुद्राक्ष को धारण किया जाता है तो इसकी सकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और इसके रुद्राक्ष के फायदे तो नहीं होते हैं बस हानि ही होती है।

प्रसव के दौरान

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प्रसव के दौरान ऐसी मान्यता है कि रुद्राक्ष को नहीं धारण करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रसव के दौरान महिलाओं के शरीर के जो अपशिष्ट पदार्थ होते हैं, वो शरीर से बाहर आते हैं। इन्हें अशुद्ध माना जाता है। इसकी वजह से प्रसव के दौरान महिलाएं भी अशुद्ध ही मानी जाती हैं। ऐसे में यदि किसी महिला का प्रसव नज़दीक आने वाला हो तो उन्हें रुद्राक्ष को उतारकर अलग रख देना चाहिए। इसके अलावा जब भी महिलाओं को लगे कि उनका शरीर अशुद्ध है, उस समय वो रुद्राक्ष को धारण न करें।

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