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कालसर्प दोष दूर करने का रामबाण उपाय

कालसर्प दोष एक ऐसा दोष है जो अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में विद्यमान रहे, तो उस व्यक्ति की ज़िंदगी को नरक बना सकता है। ऐसा माना जाता है कि कालसर्प दोष के कुंडली में होने से किसी भी काम में सफलता नहीं मिलती है और हमेशा निराशा ही हाथ लगती है। बनते हुए काम भी बिगड़ने लगते हैं, व्यवसाय भी मंदा चलता है, नौकरी भी समय पर नहीं मिलती है, शिक्षा के क्षेत्र में भी सफलता नहीं मिलती है, वैवाहिक जीवन भी निराशाओं से भरा हुआ रहता है, घर में सुख शांति नहीं रहती है, हमेशा अशांति फैली रहती है और कोई न कोई बीमारी लगी ही रहती है। इसके अलावा कालसर्प दोष से ग्रसित व्यक्ति कभी भी सफल नहीं हो पाते हैं। ऐसे लोगों को हमेशा पैसों की कमी लगी रहती है। कितना भी कोशिश कर लें, कालसर्प दोष अगर व्यक्ति की कुंडली में रहता है तो वो व्यक्ति पैसों को बचाकर नहीं रख सकता है और किसी न किसी कारण से उसको पैसे हमेशा खर्च करने ही पड़ते हैं। कालसर्प दोष जिन छात्रों की कुंडली में होता है, वो लोग पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पाते हैं और परीक्षा में भी पास नहीं हो पाते हैं। इसीलिए कालसर्प दोष जिस किसी की भी कुंडली में होता है, उन्हें तुरंत इससे बचने के उपाय खोजने चाहिए। क्योंकि जितनी जल्दी इसे मुक्ति पा ली जाएगी उतनी आसान आपकी जिंदगी होगी नहीं तो ये एक ऐसा दोष है जो ज़िंदगी भर आपको परेशान करता है। इसीलिए आज हम आपको इस लेख में कालसर्प दोष से मुक्ति के कुछ उपाय बताने जा रहे हैं।

कालसर्प दोष क्या है और इसके प्रकार

कालसर्प दोष दूर करने का उपाय


उपाय जानने से पहले हम ये जान लेते हैं कि आखिर कालसर्प दोष है क्या और इसके कितने प्रकार होते हैं। कालसर्प दोष के ऐसा दोष है जो व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति बदलने की वजह से विद्यमान हो जाता है। हमारी कुंडली में ग्रहों की एक विशेष स्थिति होती है। जब अन्य ग्रह राहु व केतु के बीच में आते हैं तो कालसर्प दोष की स्तिथि पैदा होती है। वहीं दूसरी ओर जब केतु व राहु अन्य ग्रहों के बीच में आते हैं तो इस दोष का असर समाप्त हो जाता है। ग्रहों की स्थितियों के अनुसार कालसर्प दोष 12 प्रकार के होते हैं

कालसर्प दोष का पहला प्रकार है शेषनाग कालसर्प दोष। ये ऐसा दोष है जो व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करता है। इसके बाद इसका दूसरा प्रकार आता है जो कि विषधर कालसर्प दोष है। ये ऐसा दोष है जो व्यक्ति को स्थिर नहीं रहने देता है। काम और नौकरी की तलाश में व्यक्ति को इधर उधर भटकना ही पड़ता है। इसके बाद आता है घातक कालसर्प दोष। इस दोष के कारण व्यक्ति के उसके माता पिता से अच्छे सम्बन्ध स्थापित नहीं हो पाते हैं। इसका चौथा प्रकार है शंखचूड़ कालसर्प दोष। इस प्रकार के कालसर्प दोष की वजह से व्यक्ति के भाग्य में ग्रहण लग जाता है। उसके हर प्रयास विफल हो जाते हैं। किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त नहीं होती। इसके बाद आता है कारकोटक कालसर्प दोष। इसमें व्यक्ति को बचपन से ही कष्टों का सामना करना पड़ता है और माता पिता के प्यार के लिए भी तरसना पड़ता है। छठवें नंबर पर आता है तक्षक कालसर्प दोष

इस दोष में भी व्यक्ति मानसिक दुर्बलता का शिकार रहता है। इसमें व्यक्ति की लम्बाई भी कम रहती है और मोटापा अधिक रहता है। इसके बाद महापदप कालसर्प दोष आता है। इस दोष का असर वैवाहिक जीवन पर पड़ता है। इसमें पति पत्नी को एक लंबे समय के लिए एक दूसरे से दूर रहना पड़ता है। आठवें प्रकार का कालसर्प दोष पदप कालसर्प दोष होता है। इस दोष से ग्रसित लोग संतानहीन रहते हैं। इसके बाद नौवें प्रकार का कालसर्प दोष शंखपाल कालसर्प दोष होता है। इस दोष में व्यक्ति बुरी संगति में पड़कर बुरे कार्य करता है व अपना जीवन कष्टमय बनाता है। ऐसे लोगों को चोरी की बुरी लत लग जाती है। इसके बाद आता है वासुकी कालसर्प दोष। ये दोष पितृदोष को दर्शाता है। इसके बाद कुलिक कालसर्प दोष आता है। इस दोष के होने पर खराब स्वास्थ्य के साथ साथ वैवाहिक जीवन में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। आखिरी और 12वें प्रकार का कालसर्प दोष अनंत कालसर्प दोष होता है। इस दोष में व्यक्ति में मानसिक रोग होने की संभावना रहती है। इसके साथ ही व्यक्ति को प्रेम जीवन में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

कालसर्प दोष दूर करने का उपाय

कालसर्प दोष दूर करने का उपाय 2


कालसर्प दोष के प्रकार को जानने के बाद, चलिए अब बात करते हैं इससे बचने के उपाय के बारे में-

  • कालसर्प दोष से बचने के लिए सोमवार क़ो शिव जी की मंदिर मे जाकर शिवलिंग पर दूध, दही से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होते है और इससे कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है।
  • जो भी व्यक्ति कालसर्प दोष से परेशान हैं, वो कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए अपने घर मे श्री कृष्ण भगवान जी की मूर्ति को स्थापित करें और हर एक दिन ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करे।
  • इसके अलावा कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए हर मास की पंचम तिथि क़ो इन 8 नागो वासुकि, अनन्त, शंख, कूलिक, तक्षक, पद्म, महापद्म तथा कर्कोटक नागो की पूजा करने से भी कालसर्प दोष दूर हो जाता है।
  • वैसे तो इससे मुक्ति के उपाय आप घर पर ही कर सकते हैं लेकिन इसके लिए एक विशेष स्थान है। कालसर्प दोष का निवारण नासिक के पास त्रयंबकेश्वर धाम में जाकर पूजा-अनुष्ठान करवाने से भी किया जाता है। ये स्थान इस दोष से मुक्ति के लिए ही जाना जाता है। कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए ये जगह सबसे उत्तम है।
  • अगर आप त्रयंबकेश्वर धाम नहीं जा सकते हैं तो आप राहु और केतु के मंत्रों का जाप भी कर सकते है तथा सर्प मंत्र तथा नाग गायत्री मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। इन मंत्रों के जाप से भी कालसर्प जैसे भयानक कुंडली दोष से मुक्ति पाई जा सकती है।

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