मिटने लगती है हांथ की रेखा, तो कभी नहीं दिखती खुद की परछाई, अकाल मृत्यु से पहले दिखाई देने लगते हैं कुछ ऐसे ही संकेत। ये होते है अकाल मृत्यु के लक्षण
जीवन और मृत्यु इस संसार के दो सार्वभौमिक सत्य हैं जिन्हें कभी बदला नहीं जा सकता। इस धरती पर जन्म लेने वाले हर प्राणी को एक न एक दिन इस संसार को छोड़कर जाना ही है। इस धरती पर जब भी किसी प्राणी का जन्म होता है, तो इसके साथ ही विधाता द्वारा उसके अंत की कहानी भी लिख दी जाती है। पृथ्वी पर जन्म लेने वाला हर प्राणी ईश्वर द्वारा तय किए गए निर्धारित समय को जी कर, एक निश्चित समय पर इस दुनिया को छोड़कर चला जाता है।
जन्म और मृत्यु के बीच के समय में प्राणी अपने पूर्व जन्म के कर्मों या वर्तमान जन्म के कर्मों के अनुसार विभिन्न सुख एवं दुख का भोग करते हुए जीवन व्यतीत करता है। मनुष्य के द्वारा किए गए कर्मों का असर सिर्फ उसके जीवन पर ही नहीं बल्कि मृत्यु पर भी देखने को मिलता है। यदि मनुष्य जीवन पर्यंत अच्छे कर्मों को करता रहता है, तो मृत्यु के पश्चात उसकी आत्मा को शांति मिलती है और स्वर्ग में स्थान मिलता है। वही बुरे कर्मों में लिफ्ट व्यक्ति को ना तो अच्छी मौत मिलती है और ना ही मृत्यु के पश्चात उसकी आत्मा को संतुष्टि मिलती है।
अच्छे कर्म को करने वाला व्यक्ति अपने जीवन के सारे सुख को भोगता है और अपने जीवन चक्र को भली भांति पूरा कर, एक निश्चित समय पर दुनिया को अलविदा कहता है। वहीं कुछ व्यक्तियों को उनके पूर्व जन्म में किए गए पाप या वर्तमान जन्म में किए गए गुनाहों की वजह से जीवन का पूरा सुख नहीं मिल पाता, और असमय ही उनकी मौत हो जाती है। इस तरह की असमय मौत को अकाल मृत्यु के नाम से जाना जाता है।
अकाल मृत्यु किसी गंभीर बीमारी, हत्या, एक्सीडेंट खुदकुशी, भूखमरी या फिर सांप काटने की वजह से हो सकती है। अकाल मृत्यु की वजह कुछ भी हो लेकिन यह बेहद कष्टकारी होती है। परिवार के किसी सदस्य की अकाल मृत्यु होने पर यह उस परिवार के लिए जितना दुखदायक होता है, उससे कहीं ज्यादा दुखदायक यह उस व्यक्ति के लिए होता है जिसकी अकाल मृत्यु हुई हो। क्योंकि सामान्य मृत्यु में मरने वाले व्याक्ति की आत्मा संतुष्ट होकर इस धरती से जाती है, जबकि जब किसी व्यक्ति की अकाल मृत्यु होती है तो उसकी आत्मा की इच्छाएं अतृप्त रहती है, जिसकी वजह से मृत्यु के बाद भी वह अपने परिजनों के इर्द- गिर्द या इस धरती पर ही विचरण करती रहती है।
हिंदू धर्म के विभिन्न पुराणों के अनुसार जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होने वाली होती है तो इससे जुड़े लक्षण दिखाई देने लगते हैं। हालांकि हर बार लोग इन लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं या समझ नहीं पाते हैं। आगे इस पोस्ट में अकाल मृत्यु से पहले दिखाई देने वाले संकेतों का वर्णन किया गया है –
अकाल मृत्यु के संकेत/अकाल मृत्यु के लक्षण
अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु होने वाली होती है तो उससे पहले ही उस व्यक्ति को या परिवार के अन्य सदस्यों को या फिर उस व्यक्ति के करीबियों को कुछ ऐसे संकेत दिखाई देने लगते हैं जो इस बात का इशारा करते हैं कि जल्द ही व्यक्ति की मृत्यु होने वाली है। आईए जानते हैं अकाल मृत्यु से जुड़े लक्षण क्या है –
- समुद्र शास्त्र के मुताबिक जब किसी व्यक्ति की मृत्यु करीब होती है, तो उस व्यक्ति की हाथों की रेखाएं अस्पष्ट होने लगते हैं जिन्हें देख पाना लगभग असंभव होता है। या यूं कह सकते हैं कि उस व्यक्ति की किस्मत की लकीरें खत्म हो चुकी होती है।
- यदि किसी व्यक्ति के आंखों के सामने बार-बार अंधेरा छाने लगे तो ये मृत्यु के करीब होने का एक इशारा हो सकता है।
- जिस व्यक्ति की मृत्यु नजदीक होती है उसे अपनी परछाई दिखाई खुद से अलग दिखाई देने लगती है, यानी व्यक्ति अगर कुछ कार्य कर रहा होता है तो उसकी परछाई उसके विपरीत ही कुछ कर रही होती है।
- यदि किसी व्यक्ति को सूर्य, चंद्रमा अथवा अग्नि की रोशनी कम दिखाई देने लगे तो यह भी मौत का एक संकेत होता है।
- जिस व्यक्ति की मृत्यु नजदीक होती है उसे दर्पण तेल अथवा पानी में अपना प्रतिबिंब धुंधला दिखाई देने लगता है।
- जिस व्यक्ति की मृत्यु करीब होती है उसे अपने आसपास मौजूद लोगों की उपस्थिति महसूस नहीं होती। या यूं पहले की उसका ध्यान कहीं और ही भटक रहा होता है।
- अगर किसी इंसान के पास गंदगी पर बैठने वाली मक्खियां लगातार मडराती हुई नजर आने लगे, तो यह इस बात का संकेत है कि उसे व्यक्ति की आयु अधिक शेष नहीं बची है।
- मनुष्य की नाभि को अगर ध्यान से देखा जाए तो उसमें एक प्राण शक्ति, एक ऊर्जा या कुछ बंधा हुआ सा दिखाई देता है। जो लोग ध्यान करते हैं उन्हें ध्यान करने के दौरान इस स्थान पर चेतना के इकट्ठा होने का एहसास होता है। ऐसा बताया गया है की मृत्यु के 6 महीने पूर्व ही यह बंधन खुल जाता है, जिसकी वजह से चेतना का एहसास होना खत्म हो जाता है।
- जब किसी व्यक्ति की मृत्यु समीप होती है तो कुछ महीने पहले से ही उसकी आंखें ऊपर की तरफ उठने लग जाती है। सामान्य तौर पर एक व्यक्ति अपनी नजरों को नीचे करके अपने नाक के अगले हिस्से को देख सकता है। परंतु जब किसी व्यक्ति की मृत्यु नजदीक आती है तो आंखें ऊपर उठ जाने की वजह से, नाक के अगले हिस्से को देख पाना असंभव होता है।
- यदि किसी व्यक्ति को अचानक ही सपने में या अपने आसपास अपने मृत पूर्वजों का एहसास होने लगे तो ये भी मृत्यु का ही संकेत होता है।
- किसी व्यक्ति की मृत्यु नजदीक होने पर उसके शरीर से अजीबो गरीब गंध आने लगती है, हालांकि मनुष्य को अक्सर इस गंध का एहसास नहीं हो पाता लेकिन जानवरों (कुत्ते और बिल्लियों) को इसका एहसास हो जाता है, यही वजह है कि ये अलग-अलग सी आवाजें निकालने लगते है, जो इस बात का इशारा होता है कि आसपास किसी की मृत्यु होने वाली है।
- जिस व्यक्ति के शरीर से प्राण निकलने वाले होते हैं उस व्यक्ति की आवाज भी अपने आप निकलने लगती है। वह बिना सोचे-समझे अपने मन में ही बड़बड़ाना शुरू कर देता है।
- जिस व्यक्ति की मौत करीब होती है उसे अपना शरीर का वजन ना के बराबर प्रतीत होने लगता है।
- मृत्यु की करीब खड़े व्यक्ति का भौतिक संसार से मन ऊब जाता है और वो पारलौकिक दुनिया की बातें करने लगते हैं।
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