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लता मंगेशकर की मृत्यु कब हुई?

भारत की स्वर कोकिला के नाम से मशहूर लता मंगेशकर ने संगीत को एक अलग पहचान दिलाई है। लता मंगेशकर की मधुर आवाज़ ने न सिर्फ भारत में राज़ किया है, बल्कि विदेशों में भी लोग इनकी गायिकी और मधुर आवाज़ के दीवाने हैं। लता मंगेशकर संगीत को बहुत ऊंचाई पर लेकर गई हैं। उन्होंने न सिर्फ हिंदी गानों को अपनी आवाज़ दी है, बल्कि उन्होंने 36 अलग- अलग भाषाओं में अपनी आवाज़ में गाने रिकॉर्ड करके लोगों का दिल जीता है। इनकी आवाज़ इतनी मनमोहक थी, कि एक बार कोई इनके रिकॉर्ड गानों को अगर सुन ले, तो दोबारा वो उन गानों को बिना सुने रह ही नहीं पाता था। लता ने आखिरी सांस तक भारतीय संगीत जगत को अमूल्य योगदान दिया है।

92 साल की उम्र में लता मंगेशकर की मृत्यु हुई थीं, उनके निधन की खबर सुनने के बाद पूरा देश गम में डूब गया था। 6 फ़रवरी, 2022 वह दिन था, जब उन्होंने अंतिम सांस ली थी, इसके बाद जब देश भर में ये ख़बर फैली कि लता मंगेशकर नहीं रहीं, तो मानो ऐसा लग रहा था कि उनके गाने के हर एक बोल चिल्ला- चिल्लाकर उन्हें पुकार रहे हों। लता मंगेशकर की मृत्यु कैसे हुई तथा कैसा था उनका जीवन, आगे इसे पोस्ट में आज हम इसी बारे में बात करेंगे।

लता मंगेशकर की मृत्यु

लता मंगेशकर की मृत्यु

2022 शुरु होते ही लता मंगेशकर की तबियत काफ़ी बिगड़ने लगी थी। उस समय कोरोना का भी दौर चल रहा था। ये भी खबर सामने आई थी कि लता मंगेशकर कोरोना संक्रमित हो गई हैं। इसके बाद उन्हें 8 जनवरी को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल जाने के बाद पता चला कि उन्हें कोराेना के साथ ही निमोनिया भी हुआ है। उनकी उम्र भी काफ़ी ज्यादा थी, ऐसे में वहां मौजूद डॉक्टरों ने तुरंत फैसला लिया कि उन्हें आईसीयू में भर्ती किया जाएगा। इसके बाद उन्होंने जिंदगी जीने के लिए बहुत संघर्ष किया, लेकिन फिर भी वो ज़िंदगी की इस जंग में हार गईं। इलाज़ के दौरान लता जी को वेंटीलेटर पर भी रखा गया था, उन्हें बस बीच में दो दिन के लिए ही वेंटीलेटर से हटाया गया था। लेकिन वेंटीलेटर से हटाने के बाद उनकी तबीयत फिर से बिगड़ने लगी थी, जिसके बाद वापस उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था। फिर 5 फ़रवरी, 2022 को उनकी तबियत अचानक ही फिर से बिगड़ने लगी थी, जिसके बाद उनके करीबी भी उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे थे। लेकिन वो ज्यादा देर तक लोगों से मिल न पाईं और 6 फरवरी को उन्होंने अंतिम सांसें लीं। लता मंगेशकर की मृत्यु सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर हुआ था। लता मंगेशकर की मृत्यु कोरोना और निमोनिया होने के बाद मल्टीपल ऑर्गन फेलियर से हुआ था। उनके मरने की खबर से पूरा देश गम में डूबा हुआ था। लता मंगेशकर की मृत्यु पर देश में दो दिन का राष्ट्रीय शोक भी घोषित किया गया था।

लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार

लता मंगेशकर की मृत्यु 3

लता मंगेशकर की मृत्यु रविवार, 6 फरवरी 2022 की सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर हुई थी। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को अस्पताल से उनके पेडर रोड स्थित घर प्रभु कुंच पर ले जाया गया। उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़े बड़े कलाकार उनके घर पहुंचे। अंतिम दर्शन के बाद लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर को शाम 4:30 बजे शिवाजी पार्क में ले जाया गया था, इसी पार्क में उनके अंतिम विदाई का इंतज़ाम किया गया था। मुंबई के शिवाजी पार्क में ही लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार किया गया था। उनके अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हुए थे। भले ही लता मंगेशकर आज इस दुनिया को छोड़कर चली गईं हैं, लेकिन उनके गाए गानों का जादू आज भी ज्यों का त्यों लोगों के दिलो में छाया रहता है।

लता मंगेशकर का जीवन

लता मंगेशकर की मृत्यु 2

लता मंगेशकर का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में 28 सितंबर, 1929 में हुआ था। इंदौर में जन्मी लता की परवरिश मुंबई में हुई थी। लता को संगीत की कला का हुनर विरासत में मिला था। उनके पिता भी एक कलाकार थे। इसके बाद लता के भाई ओर बहन जिसमें बहन उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर, आशा भोंसले तथा भाई हृदयनाथ मंगेशकर भी संगीत कला के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। लता का जीवन संघर्ष से भरा हुआ था। बचपन के जब वो 13 साल की थीं, तभी उनके पिता गुज़र गया थे, जिसके बाद उन्हें बहुत तकलीफों को झेलना पड़ा। लता को अभिनय करना बेहद पसंद था, लेकिन पिता के जल्दी गुजर जाने के बाद उन्हें पैसों की समस्या सताने लगी। इसीलिए उन्होंने थोड़े से पैसे कमाने के लिए हिंदी और मराठी फिल्मों में अभिनय करना शुरु किया। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय किया और यही नहीं, उन्होंने खुद के फिल्मों के लिए गाने भी गाए, साथ ही अपनी बहन आशा भोसले के लिए पार्श्वगायन भी किया। फिर 1947 में एक मोड़ आया, जब उनकी गायिकी को वसंत जोगलेकर ने पहचाना।। उन्होंने लता को अपनी फिल्म आपकी सेवा’ में गाना गाने का मौका दिया। बस यहीं से लता का जीवन बदल गया। इस फिल्म में गाए गाने के लिए लता की खूब तारीफ हुई और फिर लता की करियर की गाड़ी चल पड़ी। उन्होंने फिर एक से बढ़कर एक बेहतरीन गाने गाए, जो आज भी हम सबकी जुबान पर रहते हैं। लता का संगीत का सफ़र काफी लंबा रहा और 92 साल की उम्र में उन्होंने संगीत और दुनिया दोनों को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।

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