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सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु कब हुई?

जिस तरह से सुभाष चंद्र बोस का जीवन रहस्यों से भरा हुआ था, वैसे ही सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु भी रहस्यमई ही रही।

भारत की आज़ादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एक महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस भी थे। सुभाष चंद्र बोस को किसी पहचान की जरूरत नहीं है। भारत का बच्चा- बच्चा इनके साहस और पराक्रम की कहानी जानता है। इन्हें हर कोई नेताजी के नाम से जानता है। नेताजी ने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में कुर्बान कर दिया। देश को आज़ाद कराने में बहुत सारे वीर सामने आए थे, उनमें से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी थे। नेताजी उस समय किसी हीरो से कम नहीं थे, जिस समय देश को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। वो देश की आज़ादी के लिए अंत समय तक खड़े रहे।

सुभाष चंद्र बोस अंग्रेजों की गुलामी स्वीकारने को तैयार ही न थे। अंग्रेजों की गुलामी से इंकार करने के बाद ही उन्होंने ‘आज़ाद हिंद फौज’ को स्थापित किया था। सुभाष चंद्र बोस की ज़िंदगी किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं थी। उनके जीवन में बहुत सारी रहस्यमयी चीजें हुईं थीं या तो यूं कह लीजिए कि नेताजी का जीवन ही रहस्यमयी था। उन्हें रहस्यमयी व्यक्ति के रूप में जाना जाता था। जिस तरह से उनका जीवन रहस्यों से भरा हुआ था, वैसे ही सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु भी रहस्यमई ही रही। उनकी मौत को लेकर बहुत सारी रिपोर्ट्स सामने आईं, लेकिन सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु असल में कब और कैसे हुई ये अभी भी सामने नहीं आ पाया है। अभी तक ये एक रहस्य ही बना हुआ है।

आज इस पोस्ट में हम आपको नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताने वाले हैं, जिससे जानने के बाद आप खुद सोच में पड़ जाएंगे कि उनकी मौत सच में प्राकृतिक थी या फिर कोई साजिश! इस पोस्ट में आप जानेंगे कि कब, कहां और कैसे देश ने महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु हुई थी।

सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु कैसे हुई थी?

सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 2

ये आज तक एक बड़ा सवाल बना हुआ है कि आखिर देश के इतने बड़े और महान नेता की मौत हुई कैसे थी। सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु को लेकर एक विमान हादसे की बात की जाती है। ऐसा बताया जाता है और सरकारी दस्तावेजों में मिले साक्ष के मुताबिक उनकी मौत 18 अगस्त, 1945 में हुई थी। भारत की आज़ादी से पहले ही एक विमान हादसा हुआ था और उस विमान हादसे में सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु हुई थी। विमान हादसे को लेकर कई रिपोर्ट्स सामने आई हैं, जिसमें ये बताया गया है कि उस विमान में बैठकर नेताजी मंचूरिया जा रहे थे। मंचूरिया जाते जाते ही बीच रास्ते में वो विमान कहीं लापता हो गया और वो कहां गया, उसके साथ क्या हुआ, ये आज तक एक रहस्य ही बना हुआ है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु होना क्या सच में विमान हादसा ही थी या फिर ये कोई सोची समझी साजिश थी।

सुभाष चन्द्र बोस के विमान हादसे के बाद जापान सरकार का बयान

सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 1

जब विमान हादसे की खबर सामने आई, उसके बाद हर जगह हड़कंप मच गया और हर देश में नेताजी के लापता होने की ख़बर तेज़ी से फैलने लगी। सभी देश विमान को खोजने के लिए प्रयास करने में जुट गए थे। इसी बीच जापान की एक रिपोर्ट सामने आती है जिसमें ये कहा जाता है कि नेताजी जिस विमान में सवार थे, वो विमान ताईवान में हादसे की चपेट में आ गया है और इस विमान में सवार नेताजी भी इस हादसे का शिकार हो चुके है।

जापान की एजेंसी की ये रिपोर्ट 23 अगस्त को जारी की गई थी। ये ख़बर सुनने के बाद हर किसी को लगने लगा था कि सच में विमान हादसे ने सुभाष चंद्र बोस की जान ले ली है। लेकिन इस खबर के जारी होने के कुछ समय बाद ही, एक और नई ख़बर सामने आती है, जो सबको ये सोचने पर मजबूर कर देती है कि आखिर नेताजी अचानक कहां लापता हो गए है। अगली ख़बर जापान सरकार की ओर से आती है। जापान सरकार इस बार ये पुष्टि करती है कि जिस दिन नेताजी के विमान दुर्घटना की बात हो रही है, उस दिन कोई भी विमान हादसा हुआ ही नहीं है। ये ख़बर सुनने के बाद सब सोच में पड़ गए थे कि अगर नेताजी एयरक्राफ्ट में सवार थे तो उनके घायल या मृत होने की कोई तस्वीर सामने क्यों नहीं आई है या फिर विमान हादसे का ही कोई सबूत क्यों कभी सामने नहीं आया।

सुभाष चंद्र बोस की मौत एक साजिश ?

सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 2

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु सच में एक रहस्यमई घटना है। उनकी मौत को लेकर जवाहर लाल नेहरू को हमेशा शक था, वैसे भी ये हर कोई जानता था कि सुभाष चंद्र बोस बहुत ही रहस्यमई इंसान है। इसीलिए जब 2015 में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु को लेकर आईबी की फाइलें सार्वजनिक हुईं, तो आईबी ने खुद इस बात की पुष्टि की कि लगभग दो साल तक आईबी नेताजी के परिवार की जासूसी में लगी हुई थी ताकि अगर नेताजी अपने परिवार से किसी भी तरह का कोई संपर्क करें तो पता चल सके, लेकिन जासूसी करने का भी कोई परिणाम सामने नहीं आया। इसीलिए अभी भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु एक रहस्य ही बनी हुई है।

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