Morocco Earthquake
Morocco में आए भुकंप (Morocco Earthquake) ने अब तक काफी तबाही मचा दी है। अब तक इस हादसे में 3,000 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे ने लोगों के दिलों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। ऐसे में बताया जा रहा है कि इस भुकंप से प्रभावित शहरो तक पहुंचना असंभव सा दिखाई दे रहा है। स्तिथी इतनी भयावह दिखाई पड़ रही है, कि चारों तरफ सिर्फ इमारतों का सिर्फ और सिर्फ मलबा ही दिखाई दे रहा है।
भुकंप के कारण लोगों की नहीं हुई मौत
इस हादसे (Morocco Earthquake) में अब तक 3,000 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 2,600 लोग घायल बताए जा रहे है। आपको बता दें कि हादसे को लेकर वैज्ञानिकों ने मृतकों की संख्या कुछ और बताई है। वैज्ञानिकों के अनुसार भूकंप के कारण नहीं कमजोर इमारतों के कारण सभी लोगों का निधन हुआ है। कमजोर इमारतें होने के कारण लोग भुकंप की चपेट में आकर के मर गए है।
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लोगों को हो रही काफी परेशानी
इस भुकंप (Morocco Earthquake) ने काफी लोगों को परेशान कर दिया है। वहीं इस दौरान राहत बचाव का कार्य लगातार जारी है। वहीं इस हादसे में राहत बचाव टीम की ओर से कई तरह की सामग्री लेकर पीड़ितों के बीच पहुंच रहे हैं। लेकिन इस बीच ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि इस हादसे से त्रस्त लोगों की बड़ी हुई संख्या को देखते हुए राहत सामग्री पहुंचाना काफी मुश्किल होता जा रहा है। बताया जा रहा है कि पीड़ितों के बीच कंबल, टेंट, पानी और खाने जैसी सामाग्री को पहुताने में कमी देखने को मिल रही है।
मदद भेजने वाले देशों का किया आभार
आपको बता दें कि इस संबंध में किंग ने देश में मदद भेजने वाले सबी देशों को आभार प्रकट किया है। स और अमेरिका ने भी मोरक्को के समक्ष सहायता का प्रस्ताव रखा है, लेकिन उसने अभी मदद नहीं मांगी है। वहीं इस से पहले भारत पीएम ने भी अफ्रिका के मोरक्को में पीड़ितो तक हर संभव सहायता पहुंचाने की बात की है।
खाना और बिजली की किल्लत
अचानक आई त्रासदी के कारण लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इस दौरान 36 वर्षीय यासीन नौमघर ने पानी, खाना और बिजली की कमी की शिकायत करते हुए कहा कि उन्हें अब तक बहुत कम सरकारी सहायता मिली है। स्थानिय लोगों की जरुरी सामाग्री को लेकर शिकायते लगातार सामने आ रही है। एक और पीड़ित निवासी द्वारा इस बात को बताया गया कि ‘हमने सब कुछ खो दिया, हमने पूरा घर खो दिया। हम चाहते हैं कि हमारी सरकार हमारी मदद करे।’ऐसे में कर्मचारियों की ओर से भी इस बात की जानकारी सामने आई है कि , पच्चीस शवों को गांव के छोटे क्लिनिक में लाया गया, लेकिन रखने की जगह नहीं है।
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