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चीन में अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है ? 

चीन में अंतिम संस्कार से जुड़े कई अलग और अजीबोगरीब नियम है। कुछ नियम तो इतने अजीब है, जिससे हर कोई हैरान रह जाता है। 

पूरी दुनिया में मनुष्य के जीवन से जुड़े कई रीति-रिवाज है। कुछ देश ऐसे हैं जो रीति रिवाजों का भली-भांति पालन करते हैं, वही कुछ ऐसे भी देश हैं जो रीति-रिवाजों में कुछ खास विश्वास नहीं रखते हैं। लेकिन अंतिम संस्कार से जुड़े रीति-रिवाज ऐसे होते हैं जिसका पालन लगभग हर देश में रहने वाले लोग भली-भांति करते हैं। ये अलग बात है कि अंतिम संस्कार से जुड़े ये रीति-रिवाज हर देश, धर्म, जाति व समुदाय में भिन्न भिन्न प्रकार से किए जाते हैं। आज इस पोस्ट में हम जानेंगे कि चीन में अंतिम संस्कार के लिए कौन सी प्रक्रिया अपनाई जाती है। 

चीनी अंतिम संस्कार –

चीन में अंतिम संस्कार

चीन एक ऐसा देश है जहां पर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया किस प्रकार की जाएगी, ये मरने वाले की उम्र, मृत्यु की वजह, वैवाहिक स्थिति, सामाजिक स्थिति इत्यादि के आधार पर तय की जाती है। इसके साथ ही चीन के अलग अलग हिस्सों में भी अलग अलग प्रकार से अंतिम संस्कार किए जाने का रिवाज है। यही नहीं इन रिवाजों में समय और परिस्थिति के हिसाब से परिवर्तन भी देखने को मिले हैं। 

चीन में अंतिम संस्कार विधि में अपनाए जाने वाले रीति- रिवाज मुख्य रूप से ‘चीनी लोक धर्म’ से जुड़े हैं। परंतु वर्तमान में चीनी लोग बौद्ध धर्म, ईसाई धर्म के साथ-साथ हिंदू धर्म के रीति रिवाज के अनुसार भी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया करने लगे हैं। 

चीनी लोक धर्म से जुड़ी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया-

चीन में अंतिम संस्कार

‘चीनी लोक धर्म’ चीन का बहुत ही प्राचीन धर्म है। इस धर्म के अनुसार मृतक के अंतिम संस्कार के लिए कौन सी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ये इस बात पर निर्भर करता है कि मरने वाले की उम्र क्या है, किस वजह से उसकी मृत्यु हुई है, मृतक का विवाह हुआ है अथवा नहीं, एवं मरने वाले की सामाजिक स्थिति क्या है ?

अंतिम संस्कार की विधि से जुड़े नियम

चीन में अंतिम संस्कार समारोह 7 दिन तक चलता है। इससे जुड़े अलग-अलग नियम है। जो कुछ इस प्रकार हैं –

  • चीन में जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार के लोग, रिश्तेदार और करीबी मिलकर मृतक के अंत्येष्टि संस्कार में शामिल होते हैं। अंतिम संस्कार में शामिल होने वाला हर व्यक्ति, मरने वाले व्यक्ति के साथ अपने रिश्ते के अनुसार पोशाक धारण करता है। जैसे मृतक के बेहद गरीबी रिश्ते वाले लोग यानी बेटे-बेटियां, इत्यादि सफेद रंग के वस्त्र पहनते हैं, जबकि अधिक दूर के रिश्तेदार काले, नीले, हरे इत्यादि रंग के कपड़े पहनते हैं। 
  • चीन में अंतिम संस्कार के दौरान लाल रंग का कपड़ा पहनना वर्जित है। दरअसल चीन में लाल रंग की पोशाक को खुशी का प्रतीक माना जाता है, जिसे शादी-विवाह या अन्य शुभ मौके पर पहना जाता है। यही वजह है की अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में लाल रंग के वस्त्र नहीं पहने जाते हैं। 
  • चीनी धर्म में जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार में तीन साल तक शोक की अवधि चलती है, इस दौरान कोई भी व्यक्ति पारंपरिक रंग के कपड़े नही पहन सकता है। चीन के पारंपरिक रंगों में लाल, पीला और भूरा रंग शामिल है। 
  • किसी भी व्यक्ति के मृत्यु के बाद जब तक उसका अंतिम संस्कार नहीं कर दिया जाता है, तब तक मृतक के शरीर को अकेला नहीं छोड़ा जाता। इस दौरान परिवार अथवा रिश्तेदार में से कोई न कोई व्यक्ति मृतक के शरीर की रखवाली करता है। इस पूरी प्रक्रिया को ‘शू लिंग’ कहा जाता है। इस प्रक्रिया के पीछे की मान्यता ये है कि जब तक मृतक का शरीर परलोक में प्रवेश न कर जाए तब तक उसके शरीर के साथ वफादारी निभाई जाए।
  • चीन में जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसके मृत्यु की सूचना देने के लिए मृतक व्यक्ति के घर के दरवाजे पर एक सफेद बैनर लगा दिया जाता है। ये बैनर घर के दरवाजे पर तब तक लगा रहता है, जब तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं हो जाता है। 

चीनी अंतिम संस्कार की विधि- 

चीन में अंतिम संस्कार

चीन में अंतिम संस्कार की विधि की शुरुआत मृतक को तैयार करने के साथ होती है। इस प्रक्रिया के लिए सर्वप्रथम मृतक को उसकी अंतिम यात्रा पर ले जाने के लिए स्वच्छ वस्त्र पहनाया जाता है। इसके बाद उसके शरीर को ताबूत में रखकर अंतिम संस्कार हॉल में रखा जाता है। ये हॉल चीनी भाषा के ‘चेंग यू ‘ मुहावरे से सजाया जाता है। इस हाल में ही अंतिम संस्कार जुलूस का आयोजन किया जाता है जिसे हम आम भाषा में मृतक के अंतिम दर्शन का कार्यक्रम कह सकते हैं। इस दौरान परिवार के सभी सदस्य, करीबी और रिश्तेदार मृतक के प्रति अपना सम्मान प्रकट करते है। अंतिम दर्शन का कार्यक्रम पूरा होने के बाद शव को दाह संस्कार स्थल पर लाया जाता है। दाह संस्कार की प्रक्रिया से पहले मृतक के शरीर पर प्रसाद चढ़ाया जाता है। प्रसाद में मुख्य रुप से खाद्य पदार्थ और और जॉस पेपर शामिल होता है। इसके बाद प्रार्थना की जाती है, फिर दाह संस्कार की प्रक्रिया की जाती है। 

नोट – चीन देश में परंपरागत रूप से मृतक के शरीर को दफनाने का रिवाज था, परंतु वर्तमान में मृतकों को दफनाने के बजाय अधिकतर उनका दाह संस्कार किया जाने लगा है। खासतौर पर कोरोना काल के बाद से इस प्रक्रिया में और भी अधिक वृद्धि हुई है।

कुंवारे व्यक्ति का अंतिम संस्कार

चीन में अंतिम संस्कार

चीन में यह रिवाज है कि कोई भी बड़ा व्यक्ति अपने से छोटी उम्र के व्यक्ति के सामने झुक नहीं सकता। ये रिवाज मृत्यु के बाद भी कायम रहता है। ऐसे में चीन में जब किसी कुंवारे व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसके शरीर को घर में नही लाया जाता, सीधे अंतिम संस्कार कक्ष में रख दिया जाता है। माता-पिता या घर के अन्य बड़े सदस्य मृतक के प्रति सम्मान व्यक्त नहीं करते, और इस प्रक्रिया के बिना ही मृतक के शरीर को दफना दिया जाता है। इसके साथ ही यदि किसी छोटे बच्चे की मृत्यु हो जाती है, तो बिना कोई शोक व्यक्त किए सीधे उसके शरीर को दफन कर दिया जाता है। 

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