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शिवलिंग पर चावल, चने की दाल, जौ, गेंहू कैसे चढ़ाएं व चढ़ाने के फायदे

शिवजी से जुड़े खास दिनों जैसे शिवरात्रि, सावन अथवा प्रदोष के दिन शिवलिंग पर चावल (अक्षत) चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है। आगे पोस्ट में पढ़ें शिवलिंग पर चावल, चने की दाल, जौ, गेंहू चढ़ाने के क्या फायदे हैं, और इसे किस प्रकार से चढ़ाने पर लाभ मिलता है।

भगवान शिव के निराकार स्वरूप शिवलिंग की पूजा भी विशेष प्रकार से की जाती है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर शिवजी की मनपसंद चीजें चढ़ाई जाती हैं।

शिवलिंग की पूजा में इस पर कई अलग तरह की चीजें अर्पित की जाती हैं, जिसके अलग-अलग फायदे होते हैं। धर्म ग्रंथो में शिवलिंग पर चढ़ाई जाने वाली हर चीज से जुड़े अलग धार्मिक महत्व बताए गए हैं। उदाहरण के लिए शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने के फायदे अलग है, तो काली मिर्च चढ़ाने के फायदे अलग।

आगे पढ़ें शिवलिंग पर चावल, चने की दाल, जौ, गेंहू इत्यादि चढ़ाने के क्या फायदे हैं, व इसे शिवलिंग पर किस प्रकार चढ़ाने से शिवजी प्रसन्न होते हैं, और सभी कष्टों को दूर कर मनवांछित फल देते हैं।

शिवलिंग पर चावल चढ़ाने के फायदे

शिवलिंग पर चावल 3

कच्चा चावल, इसे अक्षत के रूप में भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में कच्चे चावल यानी अक्षत को बहुत शुभ माना जाता है, और इसका इस्तेमाल लगभग हर पूजा पाठ में किया जाता है। भगवान शिव की पूजा में भी कच्चे चावल का इस्तेमाल किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवलिंग पर चावल चढ़ाने के भी कई लाभ हैं। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।

शिवलिंग पर चावल चढ़ाने के लाभ कुछ इस प्रकार हैं –

  • धार्मिक मान्यता के अनुसार नियमित तौर पर कच्चे चावल के पांच दाने भगवान शिव के सामने अथवा शिवलिंग पर अर्पित करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। इस प्रक्रिया को रोज करने से जातक के घर में धन की कभी कमी नहीं होती है, और सुख एवं समृद्धि आती है।
  • सनातन धर्म में माथे पर तिलक लगाते समय चंदन, रोली के साथ अक्षत यानि कच्चे चावल का भी इस्तेमाल किया जाना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार शिव जी का पूजन करते समय जब इनका तिलक करें तो अक्षत का भी इस्तेमाल करें। ऐसा करने से मान सम्मान में वृद्धि होती है और धन की प्राप्ति होती है।
  • धार्मिक मान्यता के अनुसार पूजा पाठ में अक्षत का इस्तेमाल करने से, पूजा में यदि किसी चीज की कमी रह जाती है तो वह सभी कमियां पूरी होती है। शिवलिंग पर चावल चढ़ाने से भी यदि शिवजी की पूजा में किसी प्रकार की कमी रह गई है तो वह सारी कमी दूर होती है, इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और सभी कष्टों को दूर कर, घर में धन की वर्षा करते हैं।
  • सोमवार का दिन जिसे शिव जी के दिन के रूप में जाना जाता है, इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर चावल चढ़ाना लाभप्रद माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सोमवार के दिन 11 मुट्ठी चावल ले, और इसमें एक मुट्ठी चावल शिवलिंग पर चढ़ाकर बाकी बचे हुए चावल को जरूरतमंद व्यक्तियों को दान कर दे। इस क्रिया को करने से शिवजी अत्यंत प्रसन्न होते हैं। इससे अचानक धन लाभ की प्राप्ति का संयोग बनता है।

नोट: शिवलिंग पर चावल चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें की शिवलिंग पर कभी भी खंडित चावल यानी टूटा हुआ चावल नहीं चढ़ाना चाहिए। किसी भी प्रकार की पूजा में सदैव साबुत चावल का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

शिवलिंग पर चने की दाल चढ़ाने से क्या होता है ?

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शिवलिंग पर चावल के साथ-साथ कई अलग प्रकार के दाल चढ़ाने का भी नियम हैं। जैसे शिवलिंग पर मूंग की दाल, चने की दाल, उड़द की दाल इत्यादि चढ़ाने का भी नियम है। धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवलिंग पर चने की दाल चढ़ाने के फायदे कुछ इस प्रकार हैं –

  • धार्मिक मान्यता के अनुसार सोमवार के दिन शिवलिंग की पूजा करते समय इस पर चने की दाल अवश्य चढ़ाना चाहिए इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनवांछित वर देते हैं।
  • शिवलिंग पर चने की दाल चढ़ाने से शिवजी सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
  • यदि किसी व्यक्ति के विवाह में विघ्न आ रहा है, या कोई व्यक्ति मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त करना चाहता है तो शिवलिंग पर चने की दाल चढ़ाने से उसे लाभ मिलेगा।
  • धार्मिक मान्यता के अनुसार 16 सोमवार तक नियमित रूप से शिवलिंग पर चने की दाल अर्पित करने से विवाह के योग बनते हैं और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।

शिवलिंग पर उड़द दाल चढ़ाने के फायदे

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चने की दाल के साथ, शिवलिंग पर उड़द की दाल चढ़ाना भी लाभकारी माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह से जुड़ा कोई दोष है, तो उसे शनिवार के दिन शिवलिंग पर उड़द की दाल चढ़ाने से लाभ मिलेगा। शनिवार के दिन शिवलिंग पर उड़द की दाल चढ़ाने से कुंडली से जुड़े दोष खत्म होते हैं और जीवन सुख एवं शांति आती है।

शिवलिंग पर जौ चढ़ाने के फायदे

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हिंदू धर्म ग्रंथो के अनुसार जो का धार्मिक महत्व बहुत ही ज्यादा है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि जब इस सृष्टि की शुरुआत हुई थी, तो धरती पर जो पहली फसल पाई गई थी वो ‘जौ’ ही थी। यही वजह है कि हर पूजा पाठ में ‘जौ’ का इस्तेमाल किया जाता है। पूजा को पूर्णाहुति यानी हवन में भी जौ ही अर्पित की जाती है।

नवरात्रि में भी देवी पूजा के लिए जो कलश स्थापित किया जाता है उसमें ‘ जौ ‘ ही उगाई जाती है। धर्म ग्रंथो में शिवलिंग पर जौ चढ़ाने के भी फायदे बताए गए हैं जो कुछ इस प्रकार है –

धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवलिंग पर जौ अर्पित करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। इससे लंबे वक्त से चली आ रही सभी परेशानियां खत्म होती है, रोग दोष इत्यादि दूर होते हैं, घर में सुख एवं समृद्धि का वास होता है।

शिवलिंग पर गेंहू कैसे चढ़ाएं ?

शिवलिंग पर चावल

शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाना भी बहुत शुभ माना जाता है। शिवलिंग पर गेंहू चढ़ाने के लिए गेंहू के दाने के साथ साथ, गेंहू की बालियां भी शिवलिंग पर अर्पित की जा सकती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाने के कई फायदे हैं जो कुछ इस प्रकार है –

  • शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाने से घर में सुख एवं समृद्धि आती है।
  • शिवलिंग में गेहूं चढ़ाने से घर पर मां अन्नपूर्णा यानी अन्न की देवी का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है।
  • संतान की इच्छा रखने वाले जातक यदि शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाते हैं तो उनके इच्छाओं की पूर्ति होती है।
  • शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाने से विवाह में आ रही बाधा भी समाप्त होती है और मनवांछित जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
  • शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाने से वैवाहिक जीवन की सभी समस्याएं खत्म होती हैं, और दांपत्य जीवन सुखमय बनता है।

नोट: धार्मिक मान्यता के अनुसार यवगोधूमशालिजलिंग की 11 सोमवार एवं श्रावण मास के सोमवार पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। यवगोधूमशालिजलिंग एक प्रकार का शिवलिंग है। इसे गेंहू, चावल एवं जौ के आंटे के समान भाग को मिलाकर मिश्रण तैयार करके बनाया जाता है। गेहूं, जौ और चावल से बने शिवलिंग की पूजा करने से परिवार में समृद्धि आती है। दांपत्य जीवन सुखमय बनता है। घर में धन-धान्य की कमी दूर होती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है।

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