अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर आज केदारनाथ धाम का पट खुल गया है। बद्रीनाथ के कपाट के लिए 12 मई तक का इंतजार करना पड़ेगा।
भोले बाबा के दर्शन के इच्छुक श्रद्धालुओं का लंबा इंतजार खत्म हो गया है। आज अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर बाबा के पवित्र धाम केदारनाथ धाम का पट खुल गया है इसके साथ ही यमुनोत्री और गंगोत्री की यात्रा भी शुरू हो चुकी है। हालांकि बद्रीनाथ का कपाट12 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा।
उत्तराखंड राज्य में स्थित बाबा के धाम में प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। भारत के 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से सर्वोपरि केदारनाथ उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह पवित्र ज्योतिर्लिंग अत्यंत ऊंची पहाड़ी पर स्थित है, जहां पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को दुर्गम रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है।
दुर्गम रास्तों की वजह से साल के 6 महीने जब भारी बर्फबारी होती है उस दौरान केदारनाथ मंदिर का पट बंद कर दिया जाता है। और 6 महीने जब मौसम सही रहता है तभी केदारनाथ के पट खोले जाते हैं। प्रतिवर्ष दीपावली के बाद भाई दूज के दिन केदारनाथ के पट को बंद किया जाता है और 6 महीने बाद अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर दोबारा मंदिर का पट विधि विधान के साथ खोला जाता है। आज 10 मई को मंदिर का कपाट खोल दिया गया है।
विधि विधान के साथ खुला केदारनाथ का पट
![केदारनाथ](http://lastinvite.com/wp-content/uploads/2024/05/WhatsApp-Image-2024-05-10-at-3.10.47-AM-1.jpeg)
आज विधि विधान के साथ केदारनाथ धाम का पट श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है। 5 मई को ओंकारेश्वर मंदिर के उखीमठ से ही पंचमुखी भोग मूर्ति की पूजा शुरू हो गई थी। इसके बाद 10 मई को मंदिर का पट खोला गया।
पहली बार जा रहे हैं केदारनाथ तो इन बातों का रखें ख्याल
![केदारनाथ 2](http://lastinvite.com/wp-content/uploads/2024/05/WhatsApp-Image-2024-05-10-at-3.10.48-AM-1-1.jpeg)
केदारनाथ धाम की यात्रा में जाने के लिए कम से कम 5 से 6 दिन का समय लेकर चले। यात्रा के लिए सबसे पहले हरिद्वार या ऋषिकेश पहुंचे और यहां से टैक्सी या बस के जरिए केदारनाथ पहुंचा जा सकता है। हरिद्वार से 235 किलोमीटर सोनप्रयाग, और सोनप्रयाग से 5 किलोमीटर गौरीकुंड पहुंचने के पश्चात, 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होगी। पैदल यात्रा से बचना चाहते हैं तो हवाई सेवा भी ले सकते हैं जिसके लिए ऑनलाइन बुकिंग करानी होगी।
- केदारनाथ में रुकने की कोई खास सुविधा नहीं है, अतः अपने रुकने की व्यवस्था रास्ते में ही कही कर ले।
- यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है, जिसकी वजह से यहां का मौसम सदैव बदलता रहता है ऐसे में मौसम में होने वाले अचानक बदलाव के लिए तैयार रहे ठंडी के कपड़े लिए बिना केदारनाथ जाने की भूल न करें।
- पहाड़ों पर नेटवर्क इत्यादि की अव्यवस्था हो सकती है अतः अपने पास कैश अवश्य रखें क्योंकि ऑनलाइन पेमेंट करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
- ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के मरीज अपने साथ डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाई के एक्स्ट्रा डोज रख कर चले।
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