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शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से क्या होता है ?

ठंडी होती है बेलपत्र की तासीर, जो शरीर को ताजगी देती है। शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से बढ़ती है इम्यूनिटी। आगे पढ़े शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से जुड़े फायदे –

भगवान शिव के निराकार स्वरूप शिवलिंग की पूजा सनातन धर्म से जुड़ा लगभग हर व्यक्ति विधि विधान से करता है। शिवजी जिन्हें तीनों लोको का स्वामी माना जाता है, और जिनकी पूजा साधारण मनुष्य के साथ-साथ देवी देवता भी करते हैं, उनके निराकार स्वरूप शिवलिंग की पूजा को हिंदू धर्म में विशेष स्थान दिया गया है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवलिंग, अनंत, आकाश, शून्य, ब्रह्मांड और निराकार परम पुरुष का प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि इस पूरे ब्रह्मांड की उत्पत्ति शिवलिंग से हुई है। हिंदू धर्म में शिवलिंग का पूजन विधि विधान के साथ किया जाता है। शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया जाता है। जिसमें विधि विधान के साथ उन्हें कई चीजे अर्पित की जाती है। शिवलिंग पर अभिषेक करते समय दूध, दही, जल, बेलपत्र, धतूरा, शहद, काला तिल, मूंग की दाल, भांग, गुलाल इत्यादि विधिपूर्वक अर्पित किया जाता।

शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाली सभी चीजों का अपना अलग महत्व होता है, और सभी चीजों के अपने-अपने फायदे होते हैं। शिवलिंग पर काला तिल चढ़ाने के फायदे अलग हैं, तो मूंग की दाल चढ़ाने के फायदे अलग है। आगे इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के क्या फायदे हैं? इसके साथ यह भी जानेंगे कि शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाना कैसा होता है ? और शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने के क्या-क्या फायदे हैं ?

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाना

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र 1

बेलपत्र या बिल्वपत्र यानी बेल के वृक्ष पर लगने वाले पत्ते को बहुत पवित्र माना जाता है। बेलपत्र शिवजी को अत्यंत प्रिय है। यही वजह है कि शिवजी से जुड़े हर पूजा-पाठ में बेलपत्र का इस्तेमाल अवश्य किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवजी को या शिव जी के निराकार स्वरूप शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।

बेलपत्र के धार्मिक महत्व के साथ-साथ इसके कई चिकित्सकीय महत्व भी है। बेलपत्र में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम और फाइबर पाया जाता है। इसके साथ ही इसमें विटामिन A, C, B1, B6 भी मौजूद होता है। इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है। यह पेट से जुड़ी कई समस्याओं को खत्म करता है। और दिल एवं लीवर को भी मजबूत बनाने का काम करता है।

आईए जानते हैं शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने के क्या फायदे हैं –

  • शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। यदि कोई व्यक्ति जल्दी-जल्दी बीमार होता है, थोड़े से बदलाव होने पर ही उसे स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने लगती है, तो इसका तात्पर्य है उस व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है। ऐसे व्यक्ति को सुबह खाली पेट नियमित तौर पर बेलपत्र का सेवन करना चाहिए। इसमें मौजूद विटामिन C शरीर की इम्युनिटी पावर को स्ट्रांग करती है। जिससे रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
  • पेट से जुड़ी हुई समस्याओं को खत्म करने में भी बेलपत्र लाभकारी है। बेलपत्र में प्रचुर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है जो पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे एसिडिटी, इनडाइजेशन इत्यादि को खत्म करने में मददगार है। नियमित तौर पर सुबह खाली पेट बेलपत्र खाने से पेट से जुड़ी कई समस्याओं का अंत होता है।
  • बेलपत्र में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो हृदय से जुड़ी बीमारियों को खत्म करने में भी सहायता करते हैं। बेलपत्र का नियमित तौर पर सेवन करने से हार्ट अटैक, एवं हाई ब्लड प्रेशर संबंधित समस्याओं से निजात मिलती है।
  • बेलपत्र की तासीर बहुत ठंडी होती है, जो शरीर को ठंडक देने में मदद करती है। बेलपत्र के सेवन से शरीर को ताजगी मिलती है। गर्मियों के मौसम में नियमित तौर पर बेलपत्र का सेवन काफी लाभदायक होता है। यह मुंह में निकलने वाले छाले की समस्या को भी खत्म करती है।
  • यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज की शिकायत है तो उसके लिए भी बेलपत्र काफी फायदेमंद होता है। बेलपत्र में मौजूद फाइबर और कई पोषक तत्व डायबिटीज की को कंट्रोल करने का काम करता है।

कैसे खाएं बेलपत्र

बेलपत्र का सेवन कई तरीके से किया जा सकता है। इस काढ़े के रूप में पिया जा सकता है, या फिर बेलपत्र को पानी में उबालकर इसके पानी को छान कर पीना लाभकारी होता है। मुंह में छाले की समस्या होने पर बेलपत्र को चबाकर खाने से फायदा मिलता है। इसके साथ ही बेलपत्र को शहद में मिलाकर भी खाया जा सकता है। उपरोक्त किसी भी प्रकार से बेलपत्र का सेवन करने से यह लाभकारी ही होता है।

शिवलिंग पर कैसे चढ़ाएं बेलपत्र ?

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र

बेलपत्र शिवजी को अत्यंत प्रिय है ऐसे में शिवजी की पूजा एवं जलाभिषेक में बेलपत्र चढ़ाने का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है। लेकिन इसे चढ़ाने के कुछ खास नियम भी होते हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होता है। आईए जानते हैं शिवलिंग पर या शिव जी को बेलपत्र किस प्रकार चढ़ाया जाता है ?

  • शिवलिंग पर हमेशा तीन पत्ते वाला बेलपत्र चढ़ाया जाता है, इससे कम पत्ते होने पर इसे नहीं चढ़ाना चाहिए। तीन पत्तों के अलावा 5, 7 या 11 पत्ते का बेलपत्र भी शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं।
  • शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाला बेलपत्र कहीं से कटा- फटा नहीं होना चाहिए, इसके साथ ही बेलपत्र में एक छोटा सा छेद भी नहीं होना चाहिए।और ना ही पत्तियां कहीं से मुड़ी होनी चाहिए। बेलपत्र की सभी पत्तियां बिल्कुल साफ सुथरी होनी चाहिए।
  • बेलपत्र पर राम नाम लिखकर इसे शिवजी अथवा शिवलिंग पर अर्पित करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि जब बेलपत्र पर राम जी का नाम लिखकर शिवजी को अर्पित किया जाता है, तो इससे शिवजी के साथ-साथ भगवान राम का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है, और व्यक्ति की सारी दरिद्रता दूर होती है।
  • बेलपत्र तोड़ने के भी कुछ नियम होते हैं। कभी भी चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या, संक्रांति अथवा सोमवार के दिन बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसी स्थिति में शिव जी को बेलपत्र अर्पित करने के लिए बेलपत्र को एक दिन पहले ही तोड़कर रख लेना चाहिए।
  • पांच पत्तों वाला बेलपत्र बहुत ही शुभ माना जाता है, ऐसा बेलपत्र बहुत कम देखने को मिलता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार पांच पत्ते वाले बेलपत्र में भगवान शिव का साक्षात वास होता है। ऐसे बेलपत्र मिलने पर उसे घर के पूजा स्थल पर रखने से शुभ लाभ की प्राप्ति होती है।

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