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अकबर की मृत्यु कब हुई थी ?

मुगल बादशाह अकबर की मृत्यु एक बीमारी के चलते हुई थी। आगे इस पोस्ट में पढ़े अकबर की मृत्यु और जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें-

अकबर मुगल वंश के तीसरे शासक थे। सन 1556 ईसवी में हुमायूं की मृत्यु के पश्चात, अकबर के अंगरक्षक बैरम खां की देखरेख में 14 फरवरी 1556 ई को गुरदासपुर जिले के कालानौर में अकबर का राज्याभिषेक किया गया। इतिहास में अकबर को सबसे महान मुगल सम्राट बताया गया है। 13 वर्ष की उम्र में सत्ता की बागडोर अपने हाथों लेने के बाद अकबर ने 49 वर्षों तक देश पर शासन किया। अपने शासनकाल में अकबर ने दक्षिण भारत के दक्कन भाग को छोड़कर, लगभग पूरे भारत पर विजय प्राप्त कर ली थी। अपने जीवन काल में कई युद्ध लड़ने के पश्चात 63 साल की उम्र में अकबर की मृत्यु हुई।

सबसे हैरानी की बात यह है कि अकबर की मृत्यु किसी युद्ध में हताहत होने की वजह से नहीं हुई थी, बल्कि एक बीमारी से ग्रसित होने की वजह से अकबर की मृत्यु हुई।

अकबर की मृत्यु

अकबर की मृत्यु 1

इतिहासकारों के अनुसार मुगल सम्राट अकबर की मृत्यु पेचिश बीमारी की वजह से हुई थी। 3 अक्टूबर 1605 ईस्वी में अकबर पेचिश बीमारी से ग्रसित हुए थे। लगभग 22 दिनों तक ये इस बीमारी से लड़ते रहे। 25 अक्टूबर 1605 को ईसवी को इसी बीमारी के चलते अकबर की मृत्यु हो गई। अकबर की मृत्यु के पश्चात उनके बेटे नूरुद्दीन सलीम जहांगीर को मुगल वंश का नया सम्राट बनाया गया।

बताया जाता है कि अकबर ने अपनी मृत्यु के पहले ही अपने अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर ली थी। अकबर ने अपनी मृत्यु से पहले खुद के लिए मकबरा बनवाना शुरू कर दिया था।

अकबर का मकबरा

अकबर की मृत्यु 3 (मकबरा)

अकबर का मकबरा उत्तर प्रदेश राज्य के सिकंदरा में बनाया जा रहा था। हालांकि मकबरे का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया था इससे पहले ही 1605 में अकबर की मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के 8 वर्ष बाद सन 1613 ईस्वी में अकबर के मकबरे का निर्माण कार्य पूरा हो पाया। वर्तमान में यह मकबरा आगरा मथुरा राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर स्थित है। अकबर के मकबरे को लोधी स्थापत्य कला के आधार पर बनाया गया है। पांच मंजिला इमारत नुमा इस मकबरे को संगमरमर के पत्थरों से संवारा गया है। मकबरे के चारों तरफ दालान और बगीचे हैं। मकबरे से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर यमुना नदी बहती है। इस मकबरे के सबसे नीचे वाले हिस्से में अकबर की कब्र को स्थापित किया गया है।

अकबर का जीवन परिचय

अकबर की मृत्यु 2

मुगल काल के तीसरे और सबसे महान शासक अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 ईस्वी में हुआ था। बचपन में इनका नाम अब्दुल फतह जलाल- उद्दीन मोहम्मद अकबर रखा गया था। 1556 ईस्वी में अकबर को दिल्ली सल्तनत का उत्तराधिकारी बनाया गया था, उस समय इनके पिता हुमायूं दिल्ली सल्तनत के बादशाह थे। कुछ ही समय में हुमायूं की मृत्यु हो गई, 14 फरवरी 1556 को अकबर को मुगल काल का शहंशाह बनाया गया परंतु इस समय उनकी आयु मात्र 13 वर्ष थी, अतः इनके बड़े होने तक उनके अंगरक्षक बैरम खां ने शासन का कार्यभार संभाला।

अकबर ने अपने शासनकाल में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की। इन्हें मुगल काल का सबसे महान शासक बताया गया। अकबर ने अपने शासनकाल में हिंदू एवं मुस्लिम दोनों वर्गों को सामान प्यार दिया। उनके शासनकाल में हिंदू मुस्लिम संस्कृति के बीच संगम हुआ जो उस काल में तैयार की गई नक्काशियों में झलकता है। अकबर के काल में ही मंदिर एवं मस्जिद का समागम हुआ। मुगल काल के इस शासक को इसकी उपलब्धियों के लिए अकबर ‘द ग्रेट ‘ के उपनाम से संबोधित किया गया।

अकबर को कला से था प्रेम

मुगल सम्राट अकबर पढ़ने-लिखने में रुचि नहीं रखते थे। उन्हें कला और संस्कृति से अत्यधिक प्रेम था। संगीत में भी अकबर को बेहद रूचि थी। अकबर के शासनकाल में उनके दरबार के नवरत्न पूरी दुनिया में मशहूर थे। आज भी जब अकबर की बात होती है तो उनके नव रत्नों की चर्चा अवश्य होती है। अकबर के इन नव रत्नों में महान संगीतकार तानसेन महान लेखक बीरबल के अलावा विद्वान और चित्रकार शामिल थे।

अकबर ने पूरे भारत पर हासिल की थी विजय

अकबर पढ़ाई- लिखाई में रुचि नहीं रखते थे, लेकिन युद्ध कला में निपुण थे। इनका नाम भारत के इतिहास के साहसी और बहादुर योद्धाओं में शामिल था। जब अकबर ने शासन की बागडोर संभाली थी उस समय इनके कब्जे में अधिक क्षेत्र नहीं थे। लेकिन अपने शासनकाल के शुरुआती 5 वर्ष में ही अकबर ने अपने राज्य के विस्तार को बढ़ा कर इसे मजबूत बनाया। भारत के पूर्व में इलाहाबाद से लेकर मध्य में राजस्थान ग्वालियर और अजमेर तक अपने राज्य के विस्तार को बढ़ाया। अपने शासनकाल के 20 वर्ष में अकबर ने भारत के कुछ क्षेत्र जैसे कश्मीर उड़ीसा और सिंध को छोड़कर पूरे उत्तर भारत पर अपना कब्जा जमा लिया था।

अकबर ने 1556 से लेकर 1605 ईसवी तक कुल 49 वर्षों तक राज्य किया। 1605 ईस्वी में पेचिश रोग से पीड़ित होकर 63 वर्ष की अवस्था में अकबर की मृत्यु हो गई।

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